BJP से नगर परिषद अध्यक्ष सारिका खटीक 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाईं,जानिए पूरा मामला
पन्ना जिले में गुरुवार को लोकायुक्त सागर टीम की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। यहां पर सत्ताधारी भाजपा से अमानगंज नगर परिषद अध्यक्ष सारिका खटीक 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ी गई हैं। अध्यक्ष भाजपा के ही नेता और ठेकेदार से बिल भुगतान के बदले रिश्वत मांग रही थीं। आपको बता दें कि सारिका पन्ना में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। उनकी मां उमा देवी खटीक दमोह जिले की हटा विधानसभा से भाजपा की विधायक हैं। ऐसे में लोकायुक्त की कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति में हलचल मचती दिख रही है।
लंबे समय बाद यह पहला मौका है जब कोई जनप्रतिनिधि रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ हो। जानकारी के मुताबिक अमानगंज निवासी आजाद राज मोदी ने लोकायुक्त पुलिस सागर में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें परिषद अध्यक्ष सारिका खटीक द्वारा एयर लिफ्टिंग मशीन के बिलों के भुगतान के एवज में 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। उनका वाहन कई वर्षों से नगर परिषद में किराए पर लगा हुआ है। जैसे ही सारिका खटीक नप अध्यक्ष बनीं तो उन्होंने हर महीने 5 हजार रुपए मांगना शुरू कर दिए। फिर सात हजार रुपए महीने लेने लगीं। अभी चार माह से उनका 1 लाख 33 हजार रुपए का चार महीने से भुगतान रुका हुआ थी।
इस पर वह एक महीने के हिसाब से दस हजार रुपए मांगनें लगीं। चार महीने के उन्हें चालीस हजार रुपए चाहिए थे। इससे पहले फरियादी ने 10 हजार रुपए सारिका खटीक को पहले दे दिए थे। तभी उनके भगुतान की फाइल आगे बढ़ी थी। लोकायुक्त ने शिकायत की पुख्ता तस्दीक कर अध्यक्ष को ट्रैप करने की तैयारी की। गुरुवार को लोकायुक्त DSP मंजू सिंह पटैल के नेतृत्व में टीम अमानगंज पहुंची थी। यहां सारिका खटीक ने जैसे ही नगर परिषद अमानगंज कार्यालय में फरियादी से 30 हजार रुपए की रिश्वत ली तो टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पूरी कार्रवाई अमानगंज थाने में बैठकर की गई। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। आपको बता दें सारिका खटीक दमोह जिले के हटा विधानसभा से बीजेपी से विधायक उमादेवी खटीक की बेटी हैं।
वह खुद भी नगर परिषद की अध्यक्ष होते भाजपा मंडल में महामंत्री हैं। अमानगंज में विवाह होने के पहले वे हटा से दो बार जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। पार्टी की वह सक्रिय महिला नेत्री हैं। ऐसे में उनका राजनैतिक रसूख किसी से छिपा नहीं है। लोकायुक्त ने सब कुछ जानते हुए सत्ताधारी दल की अध्यक्ष को पकड़कर एक तरह से कर्तव्य की मिसाल पेश की है। इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। मौजूदा हालात में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं ऐसे में यह मामला भाजपा के गले की फांस बन सकता है। फिलहाल यह कार्रवाई चारों ओर चर्चा का विषय बनी हुई है