17 साल पहले अंतिम संस्कार हुआ था इस युवक का अब पहुंचा घर परिजन देखकर हुए खुश || SAGAR TV NEWS ||

 

एमपी के बड़वानी का एक युवक 17 साल बाद घर लौटा। परिजन मरा हुआ मानकर उसका क्रियाकर्म कर चुके थे। युवक साल 2006 में बिना बताए घर से कहीं चला गया था। घरवालों और रिश्तेदारों ने उसे खूब ढूंढा, लेकिन जब नहीं मिला तो यह मान लिया कि वो मर चुका है। बेटा खोने के दुख में डूबी मां का साल 2014 में निधन हो गया। परिजन ने मां के साथ युवक का भी क्रियाकर्म कर दिया। अब जिंदा घर लौटा तो देखकर खुशी के मारे सभी रो पड़े।यह कहानी है बड़वानी सेंधवा ब्लॉक मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर धनोरा के नवाड फलिया निवासी प्रेमसिंग (47) पिता लच्छिया की। वो बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का है। घरवालों के साथ खेती किसानी करता था। 2001 से मानसिक रूप से बीमार रहने लगा। 2006 तक उसकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। इसी साल धनतेरस के दिन वो अचानक घर से कहीं चला गया था। मुंबई के एक NGO (गैर सरकारी संगठन) ने उसका इलाज किया और अब वापस गांव छोड़ दिया।प्रेमसिंग के छोटे भाई दिलीप के मुताबिक कि उसकी राह देखते-देखते 2014 में मां का भी निधन हो गया। ऐसे में हमने मां के साथ भाई की भी अंतिम क्रिया कर गमी कार्यक्रम कर दिया। इसके 9 साल बाद 24 फरवरी को एक फोन आया। फोन पर एक व्यक्ति कहता है कि आपका भाई प्रेमसिंग हमारे साथ है। हम उसे घर लेकर आ रहे हैं। हमें यकीन नहीं हुआ। फिर सरपंच और अन्य लोगों ने हमें सूचना दी। उसके बाद हम धनोरा बस स्टैंड पहुंचे। प्रेमसिंग के हाथ पर लिखा नाम और हनुमान जी का टैटू देखकर हमने उसे पहचान लिया। हमने अपने भाई को 17 साल बाद देखा। उसे देख हमारी आंखों से आंसू आ गए।


By - SAGAR TV NEWS
27-Feb-2023

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