उज्जैन के माधव नगर अस्पताल में मां की मौत के बाद उनकी बेटियां धरने पर बैठ गईं। दरअसल, इनकी मां को संक्रमित बताकर अस्पताल में भर्ती किया था। डॉक्टरों के कहने पर बेटियों ने मां के इलाज के लिए 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन भी 1 लाख रुपए में खरीद कर दिए थे। लेकिन मां नहीं बच सकी। अब उनकी मौत के बाद अस्पताल ने महिला की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव बताई है। इस पर महिला की तीनों बेटियां विरोध जताते हुए अस्पताल में ही धरने पर बैठ गईं। एक बेटी ने रोते हुए कहा- हमसे इतने महंगे इंजेक्शन बुलवाए गए, उनका क्या किया... बेच दिए क्या।
उज्जैन सेल टैक्स विभाग में क्लर्क कृष्णा वासेन को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने 12 अप्रैल को जांच कराई, जिसमें उनके लंग्स में इंफेक्शन मिला और रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इंफेक्शन ज्यादा होने पर उन्हें माधव नगर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के कहने पर बेटियों ने छह रेमडेसिविर इंजेक्शन एक लाख रुपए में खरीद कर दिए।
कृष्णा की तीन बेटियां है संजना, अंजलि और प्रिया। पिता का साया पहले ही बेटियों के सिर से उठ चुका है। मंगलवार सुबह अस्पताल प्रबंधन ने कृष्णा के परिवार को सूचना दी कि आपकी मां की मौत हो चुकी है। उनकी बॉडी आप ले जाओ। वो निगेटिव थी। इस पर से परिवार वाले नाराज हो गए और तीनों बेटियों के साथ अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए।
मामला बढ़ने पर उज्जैन कलेक्टर ने एसडीएम अभिषेक वर्मा को मौके पर भेजा।
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