कौन हैं सागर की शिल्पी सोनी? जिन्हे प्रधानमंत्री मोदी ने सौंप दिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट


 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महिला दिवस के अवसर पर अपने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म से देश की 6 महिला शख्सियतों की तस्‍वीरें शेयर की. इनमें से एक महिला शिल्‍पी सोनी हैं. सागर में पाली बढ़ी शिल्पी एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं. उन्होंने महिला दिवस के अवसर पर पीएम द्वारा उनके योगदान को याद करने के लिए शुक्रिया कहा. उन्‍होंने कहा कि हमारा संदेश साफ है कि भारत विज्ञान के लिए सबसे जीवंत स्थान है और इसलिए हम अधिक महिलाओं से इसे आगे बढ़ाने का आह्वान करते हैं.

 

 

बता दें कि शिल्पी सोनी सागर शहर के बाईसा मोहाल निवासी ओम प्रकाश रूसिया और सुधा रूसिया की बेटी है सामान्य परिवार से आने वाले ओम प्रकाश की चार बेटियां हैं जिनमें शिल्पी सबसे बड़ी है, अपनी इस बेटी की उपलब्धि पर उन्होंने ख़ुशी जताई है, इन्होंने विश्व भारती से स्कूल की पढ़ाई करने के बाद इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज सागर से पढ़ाई की थी इसके बाद उनका डीआरडीओ में चयन हो गया था इसके 1 साल बाद इसरो की परीक्षा पास कर ली और फिर पिछले 24 सालों से बेंगलुरु में इसी संस्थान में अपनी सेवाएं दे रही हैं

 

 

इसी तर्ज पर शिल्पी सोनी कहती हैं कि मैं मध्य प्रदेश के सागर से हूँ. मैं बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से हूँ लेकिन मेरा परिवार हमेशा सीखने, इनोवेशन और संस्कृति के प्रति भावुक रहा है. डीआरडीओ में काम करने के बाद, इसरो के साथ काम करना एक सपने के सच होने जैसा था, जहाँ मैंने पिछले 24 वर्षों में इसरो के 35 से अधिक संचार और नेविगेशन मिशनों के लिए अत्याधुनिक आरएफ और माइक्रोवेव सबसिस्टम तकनीकों के डिजाइन, विकास और प्रेरण में योगदान दिया है.

 

 

इसरो के बारे में मुझे जो बात पसंद है, वह यह है कि इसमें कोई कांच की छत नहीं है और सभी के लिए अपार अवसर प्रदान करता है, ताकि जटिल चुनौतियों का समाधान अभिनव समाधानों के साथ किया जा सके, जिससे दीर्घकालिक प्रभाव पड़े. यह पूरी तरह से हम पर निर्भर करता है कि हम इन मौकों को अवसरों में कैसे बदलते हैं, अपने पंख फैलाते हैं और ऊंची उड़ान भरते हैं.

 

 

 

हमारी कुछ सामूहिक सफलताएँ मुझे गौरवान्वित करती हैं. यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि इसरो ने अत्यधिक जटिल और सुरक्षित स्पेस ट्रैवलिंग वेव ट्यूब तकनीक को सफलतापूर्वक स्वदेशी बनाया है जो वैश्विक स्तर पर केवल कुछ मुट्ठी भर देशों के पास ही उपलब्ध है. यह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारत के लिए एक बड़ी छलांग है.

 

 

 


By - sagar tv news

08-Mar-2025

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