सागर जिले में पत्रकार पर दर्ज प्रकरण के विरोध में बकस्वाहा में पत्रकारों का लामबंद प्रदर्शन
मध्य प्रदेश के सागर जिले की बंडा तहसील में पत्रकार मुकुल शुक्ला के खिलाफ दर्ज कथित फर्जी मामले ने राज्य के पत्रकार समुदाय में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। इस घटना के विरोध में बकस्वाहा सहित विभिन्न क्षेत्रों के पत्रकार एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे पत्रकार सुरक्षा और स्वतंत्रता के मुद्दे पर व्यापक चर्चा शुरू हो गई है। बकस्वाहा में पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन सागर में हुई इस घटना के विरोध में बकस्वाहा के पत्रकारों ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की और तहसीलदार भरत पांडे के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने निम्नलिखित मांगें रखीं, मुकुल शुक्ला पर दर्ज फर्जी मामला तुरंत वापस लिया जाए। अभद्र व्यवहार करने वाले खनिज अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। भ्रष्टाचार में लिप्त खनिज अधिकारी को शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जाए।पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख पत्रकार विनोद जैन, राजेश रागी, मुकेश रावत, विनोद बिल्थरे, राजू दुबे, अभिषेक असाटी, धर्मेंद्र राय, अंशुल असाटी, अनिल जैन, आशीष चौरसिया, नवनीत जैन, प्रिंस तिवारी, रत्नेश रागी, राहुल जैन, सचिन सोनी, मोहित जैन सहित कई पत्रकार इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। अन्य क्षेत्रों में भी विरोध की लहर सागर में पत्रकार मुकुल शुक्ला के साथ हुई अभद्रता के खिलाफ बीना और खुरई के पत्रकारों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा और खनिज अधिकारी का पुतला जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। हाल के वर्षों में पत्रकारों पर हमलों और झूठे मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे पत्रकार समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। कई मामलों में, पत्रकारों को उनकी रिपोर्टिंग के लिए प्रताड़ित किया गया है, जिससे प्रेस की स्वतंत्रता पर खतरा मंडरा रहा है।