शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल दो कैबिनेट मंत्रियों के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। और आगामी दिनों में उन्हें इस्तीफ़ा भी देना पड़ सकता हैं। ये दोनों मंत्री हैं राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट। सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने विधायकी से इस्तीफ़ा दिया था। जिसमें सिंधिया के खास समर्थक गोविन्द सिंह और तुलसी सिलावट भी शामिल है। दोनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ 21 अप्रैल को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ली थी। लेकिन फिलहाल दोनों विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। जिस वजह से उन्हें 21 अक्टूबर तक विधानसभा सदस्य बनना जरुरी है। नहीं तो अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ सकता है। संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत मुख्यमंत्री की अनुसंशा पर कोई ऐसा व्यक्ति जो विधानसभा सदस्य नही है। और मंत्री मंडल में शामिल हो सकता है । लेकिन धारा 164 (4) के तहत अगर कोई व्यक्ति बिना निर्वाचित हुए मंत्रि परिषद में शामिल होता है। तो उसका 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य चुना जाना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं होता है। तो वह खुद ही पद से हट जायेंगे।
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