न तो लोग जागरूक हैं। न ही उन्हें अपनी और दूसरों की जान की परवाह है। देखने में तो ऐसा ही नज़र आता है। तस्वीरें सागर जिले के राहतगढ़ वाटरफॉल की हैं। जिन्हे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। की यहाँ पर व्यवस्थाएं किस तरह की हैं। जो लोग जालियों में हुए सुराख में से अंदर घुसकर चट्टानों की तरफ जा रहे हैं। जो खतरनाक साबित हो सकता है। ये शायद इस बात से अंजान हैं। की पिछले महीने यहाँ पर बहुत बड़ी दुखद घटना हुई थी। खैर इस सब की जिम्मेदारी वन विभाग की है। उसके द्वारा यहाँ पर कोई ऐसे इंतजाम नहीं किये गए हैं जिससे लोगों को खतरे वाली जगह पर जाने से रोका जा सके। हालांकि बीते महीने हुई घटना के बाद आनन फानन में वन विभाग ने फॉल एरिये से जुड़े विभाग के कर्मचारियों को वॉटरफॉल की सुरक्षा के लिये अलर्ट किया था। और आस पास लगी टूटी पड़ी जालियों को रिपेयर कराने की बजाय टूटी जालियों वाली जगह को कांटेदार झाड़ियों से बंद करा दिया था। साथ ही कुछ स्लोगन जरूर लिखे गए थे जो काफी नज़र नहीं आते। वहीँ जानकारी लेने पर रेंजर जेपी शाक्य ठोस जवाब देते हुए नज़र नहीं आये।-
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