गाय के बछड़े जानते हैं अंक विद्या,नंबर पुकारते ही मां के पास पहुंच जाते हैं दूध पीने || STVN INDIA ||
मध्यप्रदेश के सागर से लगे रतौना में बने गोकुल ग्राम में गाय-बछड़ों को अंक विद्या सिखाई जा रही है। दरअसल यहां करीब 350 गाय और बछड़े हैं। उनकी पहचान नंबरों से होती है। गोकुल ग्राम में गायों को रखने के लिए गौशाला और बछड़ों को रखने के लिए बाड़े बनाए गए हैं। सुबह-शाम बाड़े के गेट पर एक ही रंग के बछड़े एकत्र हो जाते हैं। उन्हें पता चल जाता है अब मां का दूध पीने मिलेगा। ग्वाले जैसे ही मां का नंबर पुकारते हैं बछड़े एक-एक कर अपनी मां के पास दूध पीने पहुंच जाते हैं। केयर टेकर अशोक ने बताया कि वह यहां 14 साल से काम कर रहे हैं। बछड़ों के जन्म से ही वह उनके साथ समय बिताते हैं और उन्हें नंबरों से पुकारने लगते हैं। धीरे-धीरे बछड़े नंबर समझने लगते हैं। कुछ समय तक बछड़ों को मां के पास रखा जाता है फिर बाड़े में ले जाते हैं। गाय की संख्या बार-बार पुकराने से बछड़े समझ जाते हैं। गोकुल ग्राम के प्रबंधक डॉ.एसके पचौरी ने बताया कि गाय और बछड़ों का रंग एक जैसा होने से उनकी पहचान में दिक्कत होती है। इसलिए यहां के केयरटेकर अशोक ने गाय-बछड़ों को नंबर दे रखे है। गाय को पहले नंबर एलॉट कर देते है जब बच्चा होते है तो उन्हें भी गाय का नंबर दे दिया जाता है। गोकुलग्राम में उन्नत नस्ल की गाय से जन्मे बछड़ों को रखा गया है।