नसबंदी का ऐसा ऑपरेशन की तड़प-तड़पकर आखिर निकिता की जान ही निकल गयी || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
सागर में दस दिनों तक एक महिला अस्पताल में यहाँ से वहाँ होती रही क्योंकि उसकी हालत बेहद खराब थी। परिवार वाले इस तलाश में थे की किसी तरह वो ठीक हो जाए। लेकिन कुदरत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था और आखिरकार दर्द से तड़पते-तड़पते महिला निकिता जैन की मौत हो गयी। अपनी पत्नी को खो देने वाला पति सौरभ जैन बदहवास है। और ग़मगीन दिखाई दे रही ये उसकी सास है। निकिता के पति सौरभ का कहना है। की उसकी पत्नी का 28 जनवरी को जिला अस्पताल में लगे शिविर में नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था। लेकिन इसके कुछ समय बाद ही उसकी हालत बिगड़ गयी। जिसमें कोई सुधार नहीं हुआ जब उसे दूसरी अस्पताल में दिखाया तो पता चला की पेट में खून जमा हो गया है। लगातार उसका इलाज कराया लेकिन आज बीएमसी में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। उसका आरोप है। की डॉक्टर शशि ठाकुर ने गलत ऑपरेशन किया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ी। और आज मौत हो गयी। निकिता की सास अंगूरी जैन का रो रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है। की गलत ऑपरेशन की वजह से उसकी बहु की जान चली गयी। मृतिका के दो छोटे छोटे बच्चे हैं। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरडी गायकवाड़ का कहना है की इस तरह का मामला सामने आया था जिसमें महिला की मौत हो गयी है।तो इस पूरे मामले में सोमवार को पदभार ग्रहण करने वाले नवागत सीएमएचओ डॉ. सुरेश बौद्ध ने बताया की 28 जनवरी को महिला का ऑपरेशन हुआ था। और लगातार ब्लीडिंग होती रही जिससे हीमोग्लोबिन बहुत कम हो गया था। जिसके कारण उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा लेकिन भरसक प्रयास के बाद उसकी जान नहीं बच सकी। सिविल सर्जन और बीएमसी डीन को भी बोला था। नसबंदी ऑपरेशन में लापरवाही की बात पर उन्होंने कहा की डॉ. शशि ठाकुर अनुभवी डॉ. हैं। करीब पचास हजार ऑपरेशन कर चुकी हैं। कभी कभी ऐसे इंसीडेंस हो जाते हैं। अगर लापरवाही है तो जांच की जाएगी। आगे उन्होंने कहा की नियम के मुताबिक मुआवजे का भी प्रावधान है।