मातृ-पितृ पूजन और छलक उठे मां के आंखों से आसूं || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
सागर के सुभाषनगर स्थित सिंधी कॉलोनी में योग वेदांत सेवा समिति सागर द्वारा मातृ-पित्र पूजन कार्यकर्म का आयोजन किया गया। सभी ने सामूहिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता पिता का पूजन किया।वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जब सभी बच्चे अपने माता-पिता का पूजन कर रहे थे। उस समय बच्चो का प्यार का देख कुछ माँओ की आंखें भी छलक गईं। समारोह में अद्भूत नजारा तब दिखा जब संतान अपने माता-पिता के सिर पर तिलक लगाकर दीप जलाकर आरती कर रहे थे। फिर उन्हें फूलों की माला पहनाई । वैदिक रीति से पूजन हुई। माँ की गॉड में सिर रखकर आशीर्वाद मांगा। । अंत में अपने अपने बच्चो को माँ ने अपने पहने हुए माला को खोलकर बच्चे को पहनाकर उन्हें गले लगा लिया। यह दृश्य सबके हृदय को छू गया। मार्मिक अनुभूति हुई। कार्यक्रम को लेकर योग वेदांत सेवा समिति की प्रवक्ता प्रतीमा बहिन ने बताया भारत की नित नूतन चिर पुरातन सनातन संस्कृति हमें जीने की कला सिखाती है। मातृ देवो भवः, पितृ देवो भवः, आचार्य देवो भवः के मंत्र से अभिमंत्रित कर हमें संस्कारित करती है। आज के भ्रमित माहौल में जहाँ आज के युवाओं का चारित्रिक और बौद्धिक पतन हो रहा है और वे अपनी महान संस्कृति से दूर होते जा रहे है ऐसे में संत श्री आशारामजी बापू द्वारा 14 फरवरी 2006 से मातृ-पित्र पूजन दिवस की शुरुआत की गई । जिसमें बच्चे अपनी सर्वदेवमयी माँ और सर्वतीर्थमय पिता का पूजन करते है। माता-पिता का प्रेम तो वैसे की बच्चों पर होता है और जब बच्चे उनका आदर करते है तो उनके हृदय से आशीर्वाद बच्चों को प्राप्त होता है।