अजब गज़ब मध्यप्रदेश और उस पर धन्य हो स्वास्थ्य सेवाओं की जहाँ कभी गलत नसबंदी का ऑपरेशन कर दिया जाता है। तो कभी गर्भवती महिला की नसबंदी ही कर दी जाती है। जी हाँ हैरान करने वाला ये मामला एमपी के बालाघाट के वारासिवनी अस्पताल से सामने आया। जहाँ आंकड़े बढ़ाने के चक्कर में ऐसा कारनामा कर दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब महिला के पेट में दर्द होना शुरू हुआ और उसे इलाज के जिला अस्पताल बालाघाट लाया गया। इसके बाद महिला की सोनोग्राफी कराई गई। जिसकी रिपोर्ट में महिला के पेट में 13 हफ्ते एक दिन लगभग 3 महीने का गर्भ बताया। जबकि महिला 2 महीने पहले वारासिवनी में 10 दिसम्बर 2020 को लगाए गए शिविर में नसबंदी की गई थी। स्वास्थ्य विभाग की ये गंभीर लापरवाही है। क्योंकि नसबंदी से पहले महिला के गर्भ की जांच करने यूरिन टेस्ट कराया जाता है। अब सवाल उठता है। कि यूरिन टेस्ट कराया गया। तो गर्भ के बाद महिला की नसबंदी क्यों की गई। अगर इसकी टेस्ट रिपोर्ट गलत थी। तो अस्पताल की जांच भी सवालों के घेरे में आती है। इस संबंध में नसबंदी करने वाली महिला चिकित्सक का कहना है। कि कहीं न कहीं गलती हुई होगी।
बताया गया की पीड़ित महिला वारासिवनी के दिनी गाँव की निवासी है। और उसके पति एक छोटे से किसान है। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पहले से इनके चार बच्चे है। इसलिए अब वह कोई अन्य संतान नही चाहते है।-
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