हीरों की नगरी पन्ना में किस कदर बेरोजगारी व्यप्त है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रोजाना सेंकडो मजदूर पन्ना से महानगरों की तरफ पलायन करते है और महानगरो में ठेकेदारों के चंगुल में फस कर अपनी और अपने परिवार की ज़िंदगी तबाह कर लेते है। ताजा मामला मंगलवार देखने को मिला जहां जिला प्रशासन के द्वारा लगभग एक सैकड़ा के करीब बंधुआ मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त करवाया गया और उन्हें सुरक्षित उनके घर पहुचाया गया,,, मामला बीते 3 माह पहले का है जब महाराष्ट्र के ठेकेदार द्वारा पन्ना के ग्रामीण अंचलों से बेरोजगार मजदूरों को 350 रूपये रोजाना मजदूरी देने का लालच देकर अपनें साथ बहला-फुसला कर काम करनें के लिए सोलापुर जिले के ग्राम भाडा ले गये। ठेकेदार की मारपीट और उससे प्रताडित होने पर मजदूरों ने किसी तरह केबिनेट मंत्री और पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह से फोन पर बात कर अपनी आपबीती बताते हुये मदद की गुहार लगाई। इस पूरे मामले की खबर मंत्री बृजेन्द्र प्रताप को लगते ही पूरा प्रशासन हरकत में आया और पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र एवं एसपी धर्मराज मीणा की जुगलबंदी नें महाराष्ट्र प्रशासन से मदद लेते हुये सोलहपुरा जिले के भाडा गांव की सुगर मील फैक्ट्री में रेस्क्यू कर ठेकेदार के चंगुल से निकालते हुये उन्हें स्पेशल वाहनों द्वारा पन्ना जिला लाया गया बाईट। . जैसे ही मजदूर बसों से पवई पहुंचे तो पन्ना कलेक्टर और एसपी नें मजदूरों का स्वागत करते हुये उन्हें स्वलपाहार कराते हुये उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया गया। कलेक्टर पन्ना का कहना है
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