बुंदेलखंड के सागर में रहली के सहजपुरी खुर्द गांव में एक किसान ने पहली बार काले गेहूं की बुवाई की है.. अभी तक सामान्य गेहूं की बुवाई ही किसानों के द्वारा की जाती है. लेकिन इस बार सहजपुरी गांव के किसान ने अभिनव प्रयोग करते हुए.. काले गेहूं की खेती करना शुरू की है.. यह गेहूं सामान्य गेहूं की तरह की हुआ है.. सेहत के लिए काला गेहू काफी फायदेमंद बताया जाता है.
सहजपुरी गांव के किसान विवेक नायक ने अपने खेत में दो एकड़ में काले गेहूं की फसल लगाई हुई है..काले गेहू की फसल तैयार हो गयी है..काले गेहूं की फसल की ग्रोथ और बालि भी अच्छी हुई है..सामान्य गेहूं की तरह ही काले गेहूं की बुवाई की जाती है..यह गेहूं सामान्य गेहूं की तरह होता है..लेकिन इसका रंग काला होता है।
काले गेहूं की फसल को देखने के लिए आसपास के गांव के किसान भी विवेक नायक के खेत पर पहुंच रहे हैं.और किसान के नए प्रयोग को देखकर काफी सराहना कर रहे. जब उन्हें काले गेहूं के बारे में पता चला तो वह अपने मित्र के यहां से काले गेहूं का बीज लेकर आए .काले गेहूं में अन्य फसलों से ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है..किसान विवेक नायक ने बताया.. मुझे पता चला था कि काले गेहूं की दाम भी अच्छे मिलते हैं. और खाने में भी अच्छा होता है .इसलिए मैंने काले गेहूं की फसल लगाई है. इसका बीज में अपने मित्र के यहां से लेकर आया था.. उपज प्रति एकड़ 15 से 20 क्विटल होती है. अगर इसकी उपज और दाम अच्छे मिलेंगे तो इसका रूप रकबा अगले साल से और बढ़ायेगे.
गांव की ही महिला किसान वर्षा काछी ने बताया कि हमारे गांव के किसान ने काले गेहूं की फसल हुई है. जिसे हम देखने के लिए आए हुए थे.. अगर इसी उजप अच्छी होती है. तो अगली साल से हम भी इसको लगाएंगे.रहली कृषि विस्तार अधिकारी अशोक नरवरिया ने बताया की सहजपुरी खुर्द गांव के उन्नतशील कृषक विवेक नायक ने काला गेहूं लगाया है..काला गेहूं की पोषण क्षमता बहुत अच्छी है .मार्केट वैल्यू भी अच्छी है..इसमें प्रोटीन की मात्रा भी होती है
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