सरकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को सुविधाएँ देने की बात तो करती है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी संवेदनशील नहीं है। हम बात कर रहे हैं सागर जिले के बीना क्षेत्र के माला सुनाटी गांव की, जहाँ एक वृद्ध शिवराज सिंह प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर है। इन्हे पंचायत ने 1984 में मकान बनाने पट्टा दिया था। लेकिन उस जमीन पर कब्जा छत्तीस साल बाद भी नही मिल पाया है। चार साल पहले इनका गरीबी रेखा से नाम काट दिया जिससे पेट भरने दूसरे लोगों पर निर्भर है। पीएम आवास योजना मे सर्वे में नाम नही आया। एक बात गौर करने वाली है की जब भाजपा को कार्यकर्ता नही मिलते थे तब यह पोलिग एंजेट की जिम्मेदारी निभाते थे। पर आज इनकी गृहस्थी प्रतीक्षालय मे सिमटी है। न तन पर कपड़ा न पेट भर रोटी का इंतजाम न सर छुपाने छत नसीब है। शिवराज सिंह को आसपास के लोग खाने को दे जाते है। कभी मिलता है कभी नहीं।
जब पंचायत सचिव से शिवराज सिंह को सुविधाएँ न मिलने का कारण पूछा तो जो सामने आया वह बेहद संवेदनहीनता की पराकाष्टा है। सन 2017 में इनका गरीबी रेखा मे नाम था जो काट दिया गया जिससे राशन मिलना भी बंद हो गया। 2011 की सर्वे सूची में इनका नाम नही आया जिससे पीएम आवास योजना का लाभ नही मिल पाया।
वहीँ बीना विधायक महेश राय अब मीडिया के सामने शिवराज सिंह को सुविधाएँ दिलाने का भरोसा दे रहे हैं।-
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