बिना ईंट की दीवार से बनाई बिल्डिंग,घर के अंदर और बाहर के तापमान में 5-6 डिग्री का अंतर|SAGAR TV NEWS
मकान को बनाने की बात हो तो नींव से लेकर चारदीवारी खड़ी होने में ईंट का होना अनिवार्य ही माना जाता रहा है। लेकिन सागर में बिना ईंट के बनी बिल्डिंगों ने न सिर्फ इस परंपरा को बदला, बल्कि उसके कुछ सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। जिनमें से एक प्रमुख है गर्मी के दौरान घर के बाहर और अंदर के तापमान में दूसरी मंजिल पर भी 5-6 डिग्री तक की कमी का होना। इसकी वस्तुस्थिति जानने के लिए दो अलग अलग दिनों में तापमान मापा गया। जब शहर में तापमान 33.8 था, तब इस मकान की दूसरी मंजिल पर अंदर का तापमान 28.2 था। यह प्रयोग 4 साल पहले शहर के इंजीनियर राजेश मिश्रा ने किया था। दो साल तक वे इस पर काम करते रहे और बाद में इसे सबके सामने लाए।बतौर एक्सपर्ट पहुंचे जिला पंचायत के तकनीकी विशेषज्ञ जय गुप्ता ने बताया कि इसमें हुआ कैमिकल थर्माकोल का प्रयोग तापमान को कम करता है। ऐसे में यह पद्धति हर प्रकार से ठीक है। क्योंकि कम लागत, पानी की बचत और तापमान में अंतर होना इसकी विशेषता है। इंजीनियर राजेश मिश्रा ने बताया निर्माण कार्य के दौरान आम तौर पर कॉलम के बीच में जो ब्रिक्स का काम होता था, उसे आरसीसी में बदला गया है। दीवार में 9 इंच तक ईंट लगाने की जगह 4 इंच की आरसीसी की ढलाई कर दी जाती है। इसमें ईंट कहीं भी नहीं लगती, नीचे से लेकर ऊपर तक लोहा बांधते हैं और जिस तरह छत की ढलाई की जाती है, ठीक वैसे ही दीवार की ढलाई कर दी जाती है। इसमें अलग से प्लास्टर की जरूरत नहीं होती, जैसी कि ईंट की दीवार खड़ी करने के बाद करना पड़ती है। इससे आरसीसी दीवार के बीच में थर्माकोल सीट का उपयोग करके दीवाल की आंतरिक सतह पर प्लास्टर ऑफ पेरिस से रनिंग करने और छत पर तापमान रोधी केमिकल को मिलाने से बढ़ते तापमान पर नियंत्रण संभव हुआ है।