जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही ये 13 जाने, जिम्मेदारो को खबर तक नहीं


 

 

टुकुर टुकुर चलती इन बतखो की चाल कहा रुक जाए, सांसे कहाँ थम जाए, अपने झुंड से कब कम हो जाए ये ना तो इन्हे पता है, और ना ही इनको यहां लाकर छोड़ने वाले जिम्मेदारों को, क्योकि जिन्होंने यह बतखें छुड़वाई थी उन्हें तो यह पता भी नहीं होगा कि अब वह किस हाल में है, अब आलम यह कि कुछ बत्तखों की भूख़ से तो कुछ आवारा कुत्तो का शिकार बन गई इसलिए इनकी संख्या कम होती जा रही है अब यह बत्तखे जेएनपीए के तालाब किनारे वाले हिस्से में जहां ना तो इनको कुछ खाने को मिलता है ना ही कोई देखने वाला है, जिन्हे इनके बारे में जानकारी है वह थोड़ा बहुत कुछ इनके लिए चुगा आते है,  
दरअसल चार-पांच साल पहले सागर शहर के चकराघाट की शोभा बढ़ाने विधायक निवास से और भोपाल लाकर दो दर्जन से अधिक बतखें छोड़ी गई थी, जिनकी संख्या अब महज 13 रह गयी, जब तालाब में डीसिल्टिंग का काम शुरू हुआ है तब से बाकी बची बतखों पर भी मौत का खतरा मंडरा रहा है।
इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया
वही जब नगर विधायक शैलेंद्र जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी हमारे विषय में यह चीज आई है बत्तखों को देखने के लिए केयर टेकर भी लेकिन वह अब इसको अधिकारियों के साथ बैठक में रखेंगे जिससे बतखों की कुछ व्यवस्था हो सके।  


By - sagar tv news

18-Mar-2021

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