सागर- बहुचर्चित लाल तिलकधारी कछुए की तस्करी के 13 आरोपियों को 7-7 साल की सजा || STVN INDIA ||
सागर सीजेएम कोर्ट में लुप्त वन्यप्राणी लाल तिलकधारी कछुओं की अंतरराष्ट्रीय तस्करी के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है, अदालत ने गिरोह के 13 सदस्यों को इसमें दोषी पाया है, अदालत ने सभी 13 आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है और मुख्य आरोपी मनी बनन को 5 लाख का जुर्माना भी किया है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 1 साल 7 माह से लगातार इस मामले की सुनवाई की जा रही है लॉक डाउन में भी बीसी के द्वारा सुनवाई की गई सुप्रीम कोर्ट ने फैसले तक सीजेएम को न बदलने और फैसले की सुनवाई तक प्रमोशन होने के बाद भी सीजेएम का ट्रांसफर न करने के आदेश दिया था 167 पेज के फैसले में न्यायधीश ने सभी आरोपियों को अलग अलग जुर्माने से भी दण्डित किया है,अभियोजन कर्ता सुधा विजय भदौरिया ने बताया कि वर्ष 2017 में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल ने तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया था। जो पिछले 7-8 साल से चंबल नदी में पाए जाने वाले लाल तिलकधारी कछुए और पैंगोलिन के शल्क की तस्करी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहा था। 5 मई 2017 को रीजनल टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर और स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की संयुक्त टीम ने श्योपुर जिले के संबलगढ़ वन परिक्षेत्र के मोंगिया पुरा में नंदलाल के घर छापा मारा था। तब उसके घर से अनुसूची एक के तहत प्रतिबंधित विलुप्त प्राय प्राणी शल्क मिले थे, , उसके तत्काल बाद नंदलाल को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद आरटीएसएफ और एसटीएसएफ में अलग-अलग जगह से 14 तस्करों को गिरफ्तार किया था इस मामले की सुनबाई वन विभाग की तरफ से अभियोजन अधिकारी सुधा विजय भदौरिया कर रही थी।