एमपी के उमरिया जिले में उत्तरप्रदेश और बिहार से लाई गई दो हजार बोरा धान पकड़ी गई है। जिसकी अनुमानित कीमत तकरीबन 25 लाख बताई जा रही है। जिसे चंदिया इलाके के अखडार और ओबरा गांव में पकड़ा है। कलेक्टर की दबिश में जो चौकाने वाला खुलासा हुआ है। वह धान में मुनाफाखोरी के पनप रहे अवैध कारोबार की ओर इशारा करता है। जब्त की गई धान उत्तरप्रदेश और बिहार की बताई जा रही है। जिसे धान उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर खपाने की योजना थी। हैरानी की बात तो यह है। की पकड़े गये ज्यादातर ठिकाने ग्राम पंचायत के सरपंच, जनपद पंचायत के अध्यक्ष और खुद सहकारी समिति के प्रबंधक सहित आधा दर्जन उन रसूखदारों के हैं। जिनका धान के उपार्जन में दबदबा रहता है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की माने तो यह पूरा अंतरराज्यीय गिरोह का काम है। जो की कम कीमत में धान खरीदकर जिले के उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर खपाने और ज्यादा मुनाफा कमाने का धंधा चलाते थे।
बताया गया की अगर सही तरीके से पड़ताल हुई तो जिले के ज्यादातर उपार्जन केंद्रों में चल रहे इस मुनाफाखोरी के धंधे की असलियत सामने आ जायेगी। फ़िलहाल पूरे मामले की जाँच हो रही है। वहीँ जब्त की गई धान को उपार्जन केंद्र में बिक्री करने पर रोक लगा दी है।--
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