आमतौर पर बेंड बाजो के साथ घोड़ी पर दूल्हे को बैठकर दुल्हन के घर जाते हुए आप देखते होंगे लेकिन, मध्य प्रदेश के रतलाम में एक दुल्हन खुद घोड़ी पर सवार होकर बेंड बाजो के साथ नाचते हुए दूल्हे के घर पहुच गयी दुल्हन के साथ उसके परिवार और रिश्तेदार भी थे जो बेंडबाजो की धुन पर नाचते हुए चल रहे थे।रतलाम में घोड़ी पर बैठकर दूल्हे के घर जाने की यह शादी श्रीमाली ब्राह्मण समाज के व्यास परिवार में हुई श्रीमाली समाज मे एक अनूठी परम्परा है दुल्हन शादी के एक दिन पहले दूल्हे के घर घोड़ी पर बैठकर बेंडबाजो के साथ अपने पूरे परिवार और रिश्तेदारो के साथ पहुचती है और दूल्हे को शादी के लिए आमंत्रित करती है और वह घोड़ी जिस पर बैठकर दुल्हन पहुचती है उस घोड़ी को दूल्हे के घर ही छोड़ आती है इसी घोड़ी पर बैठकर दूल्हा दुल्हन से शादी करने के लिए बरात लेकर उसके घर पहुचता है और धूमधाम से शादी रचाई वह अपने समाज की लुप्त हो रही इस परंपरा को पुनः जीवित करने के उद्देश्य को लेकर सज-धज कर घोड़ी पर बैठी ओर बेंडबाजो के साथ परिवारजनों को लेकर नाचते हुए दूल्हे के यहां पहुची।
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