इन दिनों दो देशों में घमासान मचा हुआ है। जहाँ पुतिन की सेना ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। जिसके बाद से कई सारी भयावह तस्वीरें हमारे सामने आयी हैं। एक समय सोवियत संघ का हिस्सा रहे यूक्रेन और रूस में की दुश्मनी की वजह क्या हैं दुनिया को विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़े करने वाले विवाद की आखिरकार वजह क्या है
दरअसल रूस-यूक्रेन के बीच तनाव नवंबर 2013 में तब शुरू हुआ था जब यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच का कीव में विरोध शुरू हुआ. यानुकोविच को रूस का समर्थन हासिल था। वहीँ प्रदर्शनकारियों को अमेरिका और ब्रिटेन का। बगावत के चलते फरवरी 2014 में यूक्रेन के राष्ट्रपति यानुकोविच को देश छोड़कर रूस में शरण लेनी पड़ी थी। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई थी जहाँ पलटवार करते हुए रूस ने दक्षिणी यूक्रेन क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। लेकिन बात यही नहीं रुकी, रूस ने यूक्रेन के अलगाववादियों को खुला समर्थन दिया। तभी से यूक्रेन सेना और अलगाववादियों के बीच जंग जारी है।
यहाँ समझना बेहद जरुरी है की पूर्वी यूक्रेन के कई इलाकों पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा है। यहीं के डोनेटस्क और लुहांस्क को तनानती के बीच रूस ने अलग मुल्क के तौर पर मान्यता दे दी, ये वही इलाका है जहां पुतिन ने सैन्य एक्शन का ऑर्डर दिया। लेकिन सवाल ये उठता है की 2014 से सुलग रहा विवाद युद्ध में कैसे बदल गया।
हुआ ये की अलगाववादियों से निपटने यूक्रेन ने नई रणनीति बनाई। यूक्रेन ने NATO से दोस्ती की और अमेरिका की शरण में पहुंच गया। फिर बात तब बिगड़ी जब यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की तैयारी शुरू कर दी। रूस यह चाहता है कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा ना बने। और इसके पीछे का कारण ये है की अगर यूक्रेन नाटो से जुड़ जाता है तो रूस पूरी तरह घिर जाएगा, क्योंकि भविष्य में नाटो देश की मिसाइलें यूक्रेन की धरती पर तैनात की जाएगी, जो भविष्य में उसके लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
रूस ये चाहता है की नाटो अपना विस्तार ना करे। राष्ट्रपति पुतिन इसी मांग को लेकर यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर दबाव डाल रहे थे। इसके बाद रूस ने अमेरिका और दूसरे देशों की पाबंदियों की परवाह किए बिना ही गुरुवार को यूक्रेन पर हमला बोल दिया।
जानकारी के मुताबिक अगर युद्ध लम्बा चला तो रूस यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लेगा फिर एक दफा रूसी विस्तार से दुनिया का नक्शा बदल जाएगा। क्योंकि यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से जुड़ी है।
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