सागर स्मार्ट सिटी भी गज़ब ढा रही सड़क पर गिट्टी फैला के जाम लगा रही ! || STVN INDIA ||
सागर स्मार्ट सिटी भी गज़ब ढा रही सड़क पर गिट्टी फैला के जाम लगा रही ! || STVN INDIA ||
सागर स्मार्ट सिटी के गज़ब कारनामेआपकी तारीफ में क्या कहें !
ये खबर इतनी बड़ी नही की कोई अधिकारी इसकी जिम्मेदारी ले, कोई ठेकेदार अपनी गलती माने या किसी का कुछ हम बिगाड़ सके, क्योंकिं सत्ता तुम्हारी अधिकारी तुम्हारे और ठेकेदार भी अब तुम्हारे ही है। इसलिए सिर्फ खबर को मंरोजन की तरह देखे और भूल जाये। अब सागर स्मार्ट सिटी के कामों के क्या ही कहने हैं साहब, यहां वो होगा जो आप चाहेंगे, चाहे जनता परेशान होती है तो होती रहे, काम लगा है तो मटेरियल सड़क पर डाल दिया और जाम लग भी गया तो क्या होगा। सागर में मेकअप करने के लिए स्मार्ट सिटी ने अलग से व्यवस्था की है। और खाना पचाने की भी, जो कभी कभी मुंह से बाहर भी आ जाता है। खैर इसकी चर्चा करेंगे, लेकिन सबसे पहले बात सागर स्मार्ट सिटी के स्मार्ट काम की, मतलब ऐसा कहा जाता है की स्मार्ट, तस्वीरें देखकर आप समझ गए होंगे की सागर की तीली रोड पर जाम लगा है। वो भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि अच्छा ख़ासा। वैसे लगता तो कई दफा है। लेकिन ये वाहनों का जाम इसलिए लगा है क्योंकि स्मार्ट सिटी के समझदार ठेकदार ने गिट्टी के ढेर को सड़क पर ही डलवा दिया था। अब भाई अपना राज अपनी मर्जी, ऐसे में आम आदमी का माथा तो ठनका ही लेकिन जिले के पुलिस कप्तान तरुण नायक भी इस बात से बेहद खफा हो गए। और हो भी क्यों न। फिर भी विश्वास नहीं है तो ट्रैफिक डीएसपी की बात सुन लीजिये। हुआ कुछ ये की यहाँ दोनों तरफ से निकलने वाले वाहनों की अच्छी खासी, मतलब लम्बी चौड़ी लाइन लग गयी। एक तो सूरज की तेज तपिश ऊपर से लोगों को आता हुआ गुस्सा। बेचारे वो कर भी क्या सकते थे। बात ये है की ठेकदार साहब को इतना तो ध्यान रखना था की गिट्टी को साइड में डलवा देते। और ये भी नहीं हो रहा था तो नियम के मुताबिक लेवर या सम्बंधित व्यक्तियों को खड़ा ही कर देते, कुल मिलाकर जो कोई भी डायरेक्शन दे देता। मतलब ये है की ट्रैफिक डायवर्ट करवा देते। लेकिन सागर स्मार्ट सिटी का काम ऐसा भी तो है की अब अगर गिट्टी डाल दी तो डाल दी, कौन सा कोई कहने वाला है ध्यान देने वाला है। कह भी दिया तो कौन सा स्मार्ट सिटी सीईओ और कलेक्टर साहब को फ़र्क़ पढ़ने वाला है। कौनसा वो कार्यवाई कर देंगे। क्योंकि बाबू उनकी नज़र में तो सब अच्छा है। क्योंकि शहर को अच्छा देखना है तो परेशानी तो उठानी ही पड़ेगी। लेकिन ये पब्लिक है सब जानती है। खैर हमारा काम तो आईना दिखाने का है अब इसके बाद भी अगर समझ में न आये तो क्या कीजिये। क्योंकि स्मार्ट सिटी के स्मार्ट अधिकारी तो शायद ये भी कह दें, दिखा दिया, छाप दिया सो ठीक है कौनसा कुछ होने वाला है।