डॉक्टरों का काम होता है मरीज की सेवा करना उनका इलाज करना कई बार लापरवाही के मामले भी आपने सुने होंगे। लेकिन इन दिनों छतरपुर जिला अस्पताल में कुछ अनोखा देखने को मिल रहा है। जहां डॉक्टर मरीजों का इलाज करने की जगह गले में आल्हा डालकर हाथ में डंडा लेकर व्यवस्था बनाने में लगा है। यह हैं जिला अस्पताल में पदस्थ डा. आरूणेन्द्व शुक्ला जो आजकल मरीजों के इलाज की जगह हाथ में डंडा लेकर अस्पताल में वाहनों की पार्किंग व्यवस्था बनाने और अस्पताल में मरीजों से मिलने के लिये समय तय होने पर मरीज के साथ एक ही परिजन रहने की जिम्मेदारी मिली है। जिससे डॉक्टर साहब अपने गले में आल्हा डालकर मरीजों के इलाज की जगह व्यवस्था बनाने डंडा लिये मिल जाते हैं। उन्हें मिले काम को वो बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इस दौरान वो कई मरीजों के परिजनो के साथ इस डंडे का इस्तेमाल भी करते देखे गये हैं। अगर कोई मरीज का परिजन इस व्यवस्था का विरोध करता है। तो डॉक्टर आरूणेन्द्व शुक्ला डंडे की ताकत दिखाकर उसे अस्पताल से बाहर जाने को मजबूर कर देते हैं।
उनके इस कमा को कुछ अच्छा बताते हैं जबकि कुछ विरोध करते हैं।
खैर कुछ भी हो लेकिन डॉक्टर का ये अवतार है काफी अनोखा। और वो अपने काम से खुश भी हैं।
सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.