डायरिया फैलने से एमपी के बैतूल में एक बच्ची ने दम तोड़ दिया और 6 मरीजों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां दूषित पानी पीने से 100 से ज्यादा लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे कर रही है। बताया गया की बैतूल के बाजार नगर परिषद के मालवीय वार्ड और भवानी वार्ड में 10 अगस्त से लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत हो रही थी। लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या में इजाफा होने लगा। मरीजों ने सामान्य बीमारी समझकर अपना इलाज स्थानीय स्तर पर कराया। लेकिन बाद में इनकी हालत गंभीर होने लगी। इसी बीच एक 16 साल की लड़की रीना गिल्हारे की उल्टी दस्त से जान चली गई। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया, लोगों में भी डर बैठ गया। बाद में पता चला कि दूषित पानी पीने से लोग डायरिया की चपेट में आ गए हैं। क्योंकि बैतूल बाजार के कुछ इलाकों में नगर परिषद एक ऐसे कुएं से पानी की सप्लाई कर रही थी, जिसका पानी पीने लायक नहीं था। सूचना मिलते ही सीएमएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम बैतूल बाजार पहुंची जहाँ करीब 300 घरों का सर्वे किया। जिसमें कुएं का पानी दूषित पाया गया जिससे उसकी सप्लाई बंद कर दी गई। कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डाला गया। साथ ही घरों में पानी साफ करने क्लोरीन की गोली और ओआरएस के पाउच बांटे गए। लोगों का कहना है की अगर जल प्रदाय के अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही नहीं बरतते तो लोगों की जान जोखिम में नहीं पड़ती। अधिकारीयों ने भी स्वाकार किया की उनकी वजह से ऐसे हालात बने। अब उन पर कार्रवाई की जाएगी।
पार्षद नीतू वर्मा ने इस लापरवाही के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
नगर परिषद सीएमओ अक्षत बुंदेला ने कहा कि जल सप्लाई किए जाने वाले कुएं से 10 दिन पहले सैंपल लिए थे लेकिन अधिकारियों ने उन्हें रिपोर्ट नहीं बताई और पानी अमानक मिला। समय पर जानकारी मिल जाती तो तभी पानी की सप्लाई रोक दी जाती। अब संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसको लेकर सरकारी अस्पताल की डॉक्टर डॉ वंदना शाक्य ने जानकारी दी।
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