एमपी के धार जिले में क्षतिग्रस्त कारम डैम की जांच करने के लिए पहुंची टीम ने कुछ ही मिनट में जांच पूरी करके अपनी औपचारिकता पूरी कर ली। इस दौरान कुछ लोगों ने वीडियो बनाना भी चाहा लेकिन टीम के सदस्यों ने साफ मना कर दिया। अब जांच समिति 5 दिन में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। गौरतलब है कि बांध टूटने की आशंका के चलते 18 गांव की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा था लोगों को बचाने पुलिस और जिला प्रशासन की टीम दिन रात काम कर रही थी। बांध की जांच करने तीन सदस्यीय दल गठित किया गया। जिसमें डॉ. राहुल कुमार जायसवाल, दीपक सातपुते और अनिल सिंह शामिल थे। यह दल देर शाम कारम बांध पहुंचा। जहां डैम की मिट्टी और पानी निकासी के लिए छोड़े गए स्थान को देखने के बाद टीम ने वहां से सैंपल लेकर कुछ ही मिनटों में वापस चली गई।
305 करोड़ रुपए से बने कारम डैम को क्षतिग्रस्त हुए करीब 8 दिन हो गए। लेकिन सरकार ने अभी तक एएनएस कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया है। राज्य सरकार ने इन कंपनियों के एमडी और पेटी कांट्रेक्टर के एमडी पर एफआईआर दर्ज नहीं करा पाई। गौरतलब है की इस परियोजना का ठेका पहले वीआरएस कंपनी को मिला था, लेकिन ई टेंडर घोटाला उजागर होने पर निविदा निरस्त हो गई थी और साल 2018 में फिर से टेंडर खुला। जिसके बाद ठेका एएनएस कंपनी को मिला था। कंपनी ने सारथी कंपनी को कमीशन पर काम सौंप दिया। इस कंपनी ने भी कमीशन पर आगे काम बढ़ा दिया और एक अन्य ठेकेदार को काम सौंप दिया। अनुबंध के अनुसार कंपनी को 2021 में अगस्त तक बांध तैयार करना था। लेकिन कोरोना का हवाला देकर 1 साल का ज्यादा समय ले लिया। अगस्त 2022 में भी बांध तैयार नहीं हुआ। समय सीमा पूरी हो रही थी, तब ठेकेदार ने ताबड़तोड़ मिट्टी की पाल बना दी। इसे बनाते समय पानी निकासी का ध्यान नहीं रखा गया। गुणवत्ताविहीन काम करने से डैम में रिसाव होना शुरू हो गया और बाद में इसने तबाही मचा दी
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