एमपी के बैतूल में आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पताल की गड़बड़ी सामने आई है। जहां एक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना में गडबड़ी कर सरकार को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने अस्पताल में छापा मारा और रिकार्ड जब्त किया था। जिसकी जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
बैतूल के वैष्णवी अस्पताल से छापे के बाद आयुष्मान योजना में गड़बड़ी सामने आई। दरअसल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को आयुष्मान के मरीजों से अनाधिकृत रूप से पैसे वसूले जाने की शिकायत मिली थी। जिस पर बैतूल एसडीएम केसी परते, तहसीलदार प्रभात मिश्रा, सीएमएचओ और उनकी टीम ने वैष्णवी अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर में आकस्मिक छापा मारा। जहां कई गड़बड़िया मिली।
इस अस्पताल में आयुष्मान योजना में भी फर्जीवाड़ा हो रहा था। जिसके दस्तावेजी प्रूफ सामने आए हैं। अस्पताल से जो रिकार्ड जब्त किया गया उसकी जांच में गड़बड़ी पाई गई। आयुष्मान योजना का पोर्टल चेक किया गया जिसमें अस्पताल में 19 मरीज भर्ती दिख रहे थे। जब मौके पर जाकर देखा तो 7 मरीज ही भर्ती थे। इसके अलावा इस अस्पताल में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए खुद की एम्बुलेंस का उपयोग बताया गया।
अस्पताल की जांच के दौरान आईसीयू में भर्ती मरीज बुधियाराव देशमुख के परिजनों से चर्चा की गई तो बताया गया कि उनसे 22 हजार रुपए बिल लिया गया है। बिल भी प्रस्तुत किया। उस समय आईसीयू में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिला। वहां पर एक बीएचएमएस डॉक्टर ही इलाज करते पाया गया। अस्पताल संचालक को नोटिस जारी किया गया है और जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
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