मध्य प्रदेश के सिंगरौली सिंगरौली जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल बुधेला है. यह स्कूल सामान्य स्कूलों की तरह ही दिखता है, लेकिन इसके भीतर बच्चों को गजब की कला सिखाई जाती है. यहां बच्चों को जो कला सिखाई जाती है वह किसी करिश्मे या चमत्कार से कम नहीं है. क्योंकि यहां पढ़ने वाले बच्चे दोनों हाथों से अलग-अलग भाषाओं में एक साथ लिख सकते हैं. इस तरह से लिखने वाले बच्चे यहां एक-दो नहीं हैं बल्कि 100 से अधिक बच्चे इस कला में पारंगत हैं.संभवत यह देश का पहला ऐसा स्कूल है जहां बच्चे इस तरह की खास कला सीखते हैं. सिंगरौली के वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल बुधेला की शुरुआत 1999 में की गई थी. इस स्कूल को विरंगत शर्मा ने शुरू किया था. उनका कहना है कि उन्हें यह सीख देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से मिली. जिनके बारे में विरंगत शर्मा ने पढ़ रखा था कि वह दोनों हाथों से लिखते थे.विरांगत शर्मा ने इसी विद्या को आगे बढ़ाते हुए सिंगरौली में स्कूल शुरू किया. फिर बच्चों के साथ यह प्रयोग किया और आज सभी बच्चे इस कला में पारंगत हो चुके हैं.बच्चे एक से 100 तक की गिनती उर्दू में 45 सेकंड में, एक मिनट में रोमन में, एक मिनट में देवनागरी लिपि में लिख लेते हैं. एक मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का अनुवाद कर देते हैं. एक मिनट में 17 तक का पहाड़ा लिख लेते हैं. एक हाथ दो का पहाड़ा लिखता है तो दूसरा हाथ तीन का, फिर पहला हाथ चार तो दूसरा हाथ पांच का पहाड़ा लिखना शुरू कर देता है
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