एक आदिवासी की जान चले जाने के बाद परिजनों को शर्मिंदगी उठाने पड़ी। लेकिन उससे भी ज्यादा मानवता शर्मसार हुई है। जहाँ परिजन हाथ ठेले पर डेड बॉडी को ले जाने पर मजबूर हुए। तस्वीरें एमपी के सीधी जिले की हैं।
बताया गया की थानाहबा टोला का निवासी अशोक कोल कोतवाली थानान्तर्गत इन्द्रानगर में किराये के मकान में रहकर मजदूरी करता था। जिसकी बीती रात ज्यादा तबियत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया। जहां अचानक स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने के चलते उसकी जान चली गई। मृतक के परिजनों ने बताया की अशोक कोल को उल्टी की शिकायत थी जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन इलाज की अच्छी व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते उन्होंने दम तोड़ दिया। शर्मसार करने वाली बात यह है कि एक तरफ केन्द्र और प्रदेश सरकार आदिवासियों को लेकर तरह-तरह की नई योजनाओं के अलावा उन तमाम सुविधाओं को उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे है। गरीब और आदिवासी आज भी इन सब सुविधाओं से महरूम हैं।
हालांकि सीधी जिले में ये कोई पहला मामला नहीं है। बल्कि इससे पहले भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर गंभीर नही है।
आरोप है की अशोक कोल की जान जाने के बाद परिजनों ने डेड बॉडी घर ले जाने अस्पताल प्रबंधन से वाहन की मांग की। जिन्होंने काफी देर गुमराह किया। इंतजार के बाद बॉडी को हाथ ठेले पर घर ले गए।-
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