बचपन में उड़ता प्लेन देखती थी श्रेया...अब खुद उड़ाएगी, कम उम्र में बनी सागर की पहली महिला पायलट
सागर की श्रेया शांडिल्य 23 साल की उम्र में जिले की पहली महिला पायलट बन गई हैं। उन्होंने इंडिगो एयरलाइन में जूनियर फर्स्ट ऑफिसर(जेएफओ) के पद पर ज्वाइन किया है। वे इंडिगो का एयरबस-320 विमान का संचालन देश-विदेश में करेंगी। पांच वर्ष की ट्रेनिंग में लगन से हर पड़ाव पार कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। गोपालगंज निवासी कैप्टन श्रेया ने 2019 में मध्यप्रदेश फ्लाइंग क्लब इंदौर से 200 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) प्राप्त किया। इसके बाद इंडिगो एयरलाइन से ग्रेजुएशन कर ट्रेनी पायलट के रूप में ट्रेनिंग जारी रखी। श्रेया की सीखने की लगन व उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए यूएई की एतिहाद एयरवेज से सैमुलेटर ट्रेनिंग कराई गई।
कैप्टन श्रेया के पिता अवधेश शांडिल्य तहसीली में फोटो कॉपी की दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि श्रेया बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी। मैंने भी बेटी का सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बेटी की पढ़ाई के दौरान जब फीस के लिए पैसों की जरूरत पड़ी तो मैंने घर का निर्माण रोक दिया। इसके बाद भी जब और पैसे चाहिए पड़े तो बैंक से लोन लिया। मुझे अपनी बेटी पर विश्वास था कि वो ऊंचाइयों को प्राप्त कर हमें व शहर को गौरव प्रदान करेगी
श्रेया के पिता अवधेश शांडिल्य ने बताया कि बचपन में हवाई जहाज की आवाज सुन वह छत पर जाती और प्लेन का रूट पता कर हमें बताती। श्रेया की प्राथमिक शिक्षा महार रेजिमेंट स्कूल और आगे की पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से हुई है। इसके बाद इंदौर जाकर मप्र फ्लांइग क्लब ज्वाइन किया। कोविड के दौरान एक वर्ष ऐसे ही निकल गया लेकिन बेटी ने इंदौर में चुनौतियों का सामना कर पढ़ाई जारी रखी। श्रेया का भाई शिवोम शांडिल्य (आईआईएम) काशीपुर से एमबीए कर रहा है। मां श्रुति शांडिल्य गृहिणी हैं