भगवान ने मकर संक्रांति पर उड़ाई पतंग, भक्तों को दिए अलौकिक दर्शन देखिये
एमपी के बुरहानपुर में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर बुरहानपुर के प्रसिद्ध स्वामीनारायण मंदिर में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। मंदिर में भगवान स्वामीनारायण ने पतंग उड़ाते हुए भक्तों को दिव्य दर्शन दिए। यह अनूठी परंपरा भक्तों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रही। मंदिर परिसर में भक्तों ने उत्साह के साथ भगवान के दर्शन किए और मकर संक्रांति का त्योहार मनाया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण की ओर परिवर्तित होता है। इस समय को शुभ और पुण्यकाल माना जाता है। सूर्य की उत्तरायण यात्रा को जीवन में प्रकाश, समृद्धि और पापों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान राम ने भी मकर संक्रांति के दिन पतंगबाजी का आनंद लिया था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए स्वामीनारायण भगवान, लक्ष्मीनारायण देव और हरे कृष्ण महाराज ने पतंग उड़ाते हुए भक्तों को आशीर्वाद दिया । एमपी के बुरहानपुर में स्वामीनारायण मंदिर में विशेष रूप से भगवान के लिए पतंगबाजी का आयोजन किया गया। पतंगबाजी के साथ-साथ भगवान के दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
मंदिर के पुजारी शास्त्री ब्रजवल्लभ दासजी ने बताया, "मकर संक्रांति पर सूर्य की किरणें शरीर पर पड़ने से जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है। भगवान के पतंग उड़ाने का प्रतीक भक्तों को यह संदेश देता है कि जीवन में ऊंचाई की ओर बढ़ें। संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है। यह दिन जीवन में नई शुरुआत और पापों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंदिर प्रांगण में भंडारे का आयोजन किया गया, जहां भक्तों ने बढ़-चढ़कर दान किया।भगवान के पतंग उड़ाने की इस अनूठी परंपरा ने भक्तों के मन में उत्साह और श्रद्धा का संचार किया। भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान के दर्शन से उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होगा।शास्त्री ब्रजवल्लभ दासजी, कोठारी ने बताया कि"मकर संक्रांति पर भगवान का पतंग उड़ाना भक्तों को यह संदेश देता है कि जैसे पतंग ऊंचाई तक जाती है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। इस पावन दिन पर भगवान के दर्शन से भक्तों का जीवन सुखद बनता है।"