अपने वाहन में बुजुर्ग महिला को बैठाकर गांव पहुंचे कलेक्टर , वर्षों पुरानी जमीन विवाद का समाधान
एमपी के बैतूल जिले में एक बार फिर संवेदनशील प्रशासनिक पहल की मिसाल देखने को मिली। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने घोड़ाडोंगरी तहसील कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान बुजुर्ग शांति बाई की दर्दभरी आपबीती को गंभीरता से सुना और उनकी वर्षों पुरानी जमीन संबंधी समस्या का मौके पर ही समाधान किया।
शांति बाई ने कलेक्टर को बताया कि उनके परिजनों द्वारा उनकी कृषि भूमि पर छलपूर्वक कब्जा कर उन्हें खेती करने से रोका जा रहा है। साथ ही चतुर्सीमा गलत दिखाकर ज़मीन का विक्रय भी कर दिया गया है। उनके मकान पर भी उन्हें रहने नहीं दिया जा रहा और नाती सत्यम के नामांतरण आदेश के बावजूद नाम दर्ज नहीं किया गया।
कलेक्टर सूर्यवंशी ने महिला की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नामांतरण आदेश मंगवाया और अमल न होने पर पटवारी को फटकार लगाई। तत्पश्चात मौके पर ही सत्यम का नाम खसरे में दर्ज कर खसरे की प्रति सौंपी गई।
यहीं नहीं, कलेक्टर ने खुद अपने वाहन में बैठाकर शांति बाई और उनके पोते को उनके ग्राम टैमरूरैयत की कृषि भूमि तक पहुंचाया। यहां दस्तावेजों का अवलोकन कर उन्होंने पाया कि चतुर्सीमा गलत बताकर विक्रय किया गया है। उन्होंने तहसीलदार को रजिस्ट्री सुधारने, सही बंटवारा करने और नक्शा संशोधन के निर्देश दिए। मौके पर कब्जा भी दिलाया गया।
शांति बाई के खेत में स्थित कुएं को क्षतिग्रस्त पाए जाने पर कलेक्टर ने मनरेगा योजना के तहत मरम्मत के निर्देश दिए। इसके अलावा महिला के पुराने बंद मकान को खुलवाकर उसकी मरम्मत के भी आदेश दिए गए और जनसहयोग से मकान की छत बदलने का भरोसा दिलाया। मकान के पीछे हुए अवैध अतिक्रमण को हटवाया गया।
कलेक्टर ने शांति बाई के पोते सत्यम, जो अपने पिता के निधन के बाद अनाथ हो गया था, को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना सहित अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए।
समस्या के त्वरित समाधान से अभिभूत शांति बाई ने कहा – "मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि इतने सम्मान और गरिमा के साथ मेरी समस्या का समाधान होगा। मैं और मेरा नाती शासन और मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के आभारी हैं।"
नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल ने बताया कि"जनता की समस्या का समाधान हमारी प्राथमिकता है। शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे, यही हमारा कर्तव्य है।"