सागर- करोडो की कीमती स्लॉटर हाउस जमीन को 1 रूपये के फर्जी स्टांप बेचा था, अब निगम के कब्जे में
सागर के पगारा रोड स्थित नगर निगम की स्लाटर हाउस की बेशकीमती जमीन के मामले में सीमांकन की रिपोर्ट जिला प्रशासन और नगर निगम को सौंपी जा चुकी है इसके आधार पर नगर निगम ने अपने हिस्से में आने वाली 23000 स्क्वायर फीट की जमीन पर तार फेंसिंग करा ली है यह वही जमीन है जिसको लेकर पिछले दिनों काफी हंगामा हुआ था इसी जमीन पर भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुधीर यादव ने अपने स्वामित्व की बताते हुए बोर्ड लगा दिया गया जबकि राजस्व विभाग द्वारा किए गए सीमांकन के मिलान के बाद पता चला है कि इस जमीन पर 52.5 डिसमिल जमीन पर कब्जा पाया गया है जिसमें 20 डिसमिल जमीन सुधीर यादव 17.5 डिसमिल जमीन अशोक मणि भाई फार्म और 14.5 डिसमिल जमीन पर कब्जा कर मकान का निर्माण पाया गया है वर्तमान में इस जमीन की कीमत करीब 5 करोड़ से अधिक है।
नगर निगम के आधिपत्य में आने वाली जमीन को लेकर कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए हैं निगम के पास मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 1913 में प्रदेश की राजधानी नागपुर सेनेटरी इंजीनियर ओल्ड हमने सागर नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव को लिखित आदेश दिया था कि स्लॉटर हाउस बनाने के लिए जमीन को आरक्षित किया जाए इसी आदेश के तहत तत्कालीन जमीन अधिग्रहण अधिकारी के माध्यम से सागर खास और ललाई टोरी मौजे की 73 डिसमिल जमीन नगरपालिका ने खरीदी सागर खास में खसरा नंबर 216/2 में 0.15 हेक्टेयर सागर खास खसरा नंबर 217/3 में 0.06 हेक्टेयर, ललाई टोरी के खसरा नंबर 60/2 में 0.22 हेक्टेयर और ललई टोरी 61/2 में 0.30 हेक्टेयर में से कुल 0.73 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई है।
यह जमीन भवानी प्रसाद को 11 रुपये एक आना, 6 पाई में दी गई । रोशन लाल को 19 रूपये दिए गए अजीमुल्ला खान को 63 रुपया 11 आना 8 पाई दी गई बलेचा को 33 रुपये 3 आना 7 पाई दी गई इस जमीन के बेचने के लिए 1 रूपये के स्टांप पर कार्रवाई की गई है। जिसमें ज्ञानचंद पिता मूलचंद वैश्य महेंद्रगढ़ जिला सरगुजा ने निरपत पिता मुल्लू जाटव वैश्य एवं सिध्दहे लाला पिता नरपत को 1 रूपये के स्टांप पर वर्ष 1950 में यह जमीन बेची गई है। जिसके बाद सुधीर यादव, जगदीश यादव ,मालती यादव और सरोज पुरोहित के नाम से यहां रजिस्ट्रीया की गई है।