सागर में मकर संक्रांति का त्योहार और पतंगबाजी न हो ऐसा हो ही नही सकता है लेकिन इस बार फिर कोरोना संक्रमण के चलते इन सब चीजों पर कोरोना का ग्रहण सा लगता नजर आ रहा है। दरअसल संक्रांति के लगते ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है वैसे तो मकर संक्रांति के पावन त्योहार में कई सारी परम्पराए है। जिसमे जप,तप,दान,स्नान,श्राद्ध और तर्पण ये हर एक चीज़ अपने आप मे अलग महत्व रखती है लेकिन इस पावन त्योहार में चार चांद लगा देती है पतंग उड़ाने की परंपरा मकर संक्रांति में भी पतंग उड़ाने की परंपरा है जंहा घर के सभी सदस्य बड़े बुजुर्ग बच्चे सभी मिकलर एक साथ पतंग उड़ाते है। कटरा के भीतर बाजार में स्थित सबसे प्रसिद्ध पतंग की दुकान जो 80 साल पुरानी है इसके संचालक सुशील केशरवानी ने बताया इस बार अलग अलग तरह की पंतग बुलाई है जो लोगो को आकर्षित करती है जिनमें 26 जनवरी पर तिरंगा वाली पतंग, नए साल की 2022 वाली पतंग,पीएम मोदी डिज़ाइन वाली पतंग इस बार बाजार में बिकने आई है। लेकिन कोरोना की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है।