बुजुर्ग की अर्थी लेकर नाचते हुए श्मशान पहुंचे ग्रामीण, रास्ते भर बजाई मृंदग और ढोलक
धार में बुजुर्ग के निधन के बाद अनोखे अंदाज में अंतिम विदाई दी गई। अंतिम यात्रा में शामिल लोग ढोलक की थाप पर नृत्य करते हुए मुक्तिधाम तक पहुंचे। जिन्होंने अर्थी को कंधा दे रखा था, वे भी नृत्य कर रहे थे। अंतिम संस्कार की यह परंपरा धार जिले के तिरला ब्लॉक के भुवादा गांव में निभाई गई। गांव में बुजुर्ग के निधन को उत्सव की तरह मनाया जाता है।गांव के 103 साल के बुजुर्ग जामु भंवर (जामसिंह) की रविवार को मौत हो गई। उन पर कुछ दिन पहले बैल ने हमला कर दिया था। हमले में घायल जामु उम्रदराज होने से रिकवर नहीं कर पाए। घर पर ही अंतिम सांस ली। बुजुर्ग की अंतिम यात्रा गांव से निकाली गई। श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा में मृदंग, झांझ और ढोलक को बजाया गया।