चक्कर आना भले ही आम सा लक्षण होता है जिसे लोग नज़र अंदाज़ भी करते हैं लेकिन ये गंभीर अंदरूनी बीमारी का संकेतक हो सकता है। वायरल बीमारियों में भी चक्कर आने की सम्भावना रहती। जैसे कोरोना से लम्बे समय ग्रसित मरीज़ों में भी देखा जा सकता है। ये बात सागर के बीएमसी में आयोजित हुई संगोष्ठी में डाक्टर एस के पिप्पल ने कही। दरअसल बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के टीबी, चेस्ट विभाग और आई॰एम के तत्वावधान में चक्कर के मरीज़ों की सही जाँच और इलाज से सम्बंधित संगोष्ठी आयोजित की गयी थी। जिसमें मेडिकल कालेज के सुपरिंटेंडेंट और ई एन टी विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रोफ़ेसर डाक्टर एस के पिप्पल हैं ने व्याख्यान दिया। इस संगोष्ठी में डाक्टर तल्हा साद, डाक्टर मनीष जैन, डाक्टर सत्येंद्र उईके, डाक्टर रीमा गोस्वामी, डाक्टर अनुराग जैन, डाक्टर देबाशिश, डाक्टर नीतू बजाज समेत अन्य स्टाफ मौजूद था
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