सागर शहर की पहचान रहे बड़े विभागों और संस्थानों को एक-एक कर दूसरे शहरों में शिफ्ट किया जा रहा है। राज्य स्तरीय एफएसएल के डायरेक्टर पद को अस्थाई तौर पर भोपाल स्थानांतरित कर दिया गया है। जब्कि जवाहरलाल पुलिस अकैडमी में अब सिर्फ महिला एसआई का ट्रेनिंग सेंटर ही बचा है। डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में भी एक दशक में कई ऐसे कोर्स बंद हो चुके हैं जिनमें विद्यार्थियों को तत्काल रोजगार मिलता था कुछ ऐसे भी विषय थे जो सागर विवि की शान में इजाफा करते थे लेकिन वे बंद हो चुके हैं ।
सागर में राज्य स्तरीय फॉरेंसिक लैब के डायरेक्टर पद को भोपाल स्थानांतरित किया गया है जिसे एएसआई बताया जा रहा है वहीं इसके पहले प्रदेश भर से सागर एफएसएल में ही डीएनए की जांच होती थी लेकिन भोपाल में रीजनल लैब शुरू होने के बाद 3 साल से आधुनिक डीएनए यूनिट काम कर रही है जिसमें सागर पर निर्भरता कम हुई है
भोपाल स्थित भोरी पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट शुरू होने के बाद जवाहरलाल पुलिस अकैडमी सागर से एक के बाद एक पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम छीन लिए गए हैं पहले जीएनपी में डीएसपी एसआई सूबेदार स्तर के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए जाते थे लेकिन अब यहां केवल महिला एसआई को ही प्रशिक्षित किया जाता है
डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स का कोर्स संचालित किया जाता था वर्ष 1988- 89 में जब यह कोर्स शुरू हुआ था तब से लेकर आज तक इसकी डिमांड रही है लेकिन वर्ष 2010 में इसको बंद कर दिया गया यही हाल रसायन शास्त्र के तहत इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री का भी रहा जिसकी लैब समेत तमाम चीजें बंद कर दी गई हैं।
सागर के वरिष्ठ पत्रकार सुदेश तिवारी कहते हैं कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार में सागर जिले से पर्याप्त प्रतिनिधित्व है लेकिन जब सागर जिले के हितों की बात आती है यहां के प्रतिनिधि पूरी ताकत से सरकार के समक्ष अपनी बात नहीं रख पाते हैं इसका परिणाम है कि सागर में पूर्व संस्थाओं को भी धीरे-धीरे विघटित कर राजधानी की ओर ले जाया जा रहा है।