सागर-व्हीलचेयर पर बैठकर मरीज देखने वाले डॉ. 100 साल के हुए, परिवार में जश्न का माहौल
उम्र के एक सदी यानी 100 साल पूरे कर चुके डॉ. रमेश श्रीवास्तव आज भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वही 100 साल पूरे करने पर उनके बेटे बहु नाती पोते रिश्ते नाते दारू के द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ जन्मदिन मनाया गया, बता दे की 100 साल की उम्र में भी अपने काम प्रति लगाव और जुनून किसी युवा से कम नहीं है। 75 साल पहले महज 2 रुपए से शहर में प्राइवेट प्रैक्टिस शुरू की थी और आज भी इनकी फीस महज 50 रुपए ही है। यह बात अलग है कि दो मेजर सर्जरी और पैर में फ्रेक्चर होने के बाद से अब वे पूरी तरह व्हील चेयर पर हैं, लेकिन मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ते। आधुनिक मशीनों से ज्यादा खुद के क्लीनिक डायग्नोज पर भरोसा रखते हैं। चिकित्सा सेवा में हो रहे आधुनिकीकरण को समझने के लिए रोजाना आधा घंटा किताबों और इंटरनेट को देते हैं। इनके अनुभव लंबे अनुभव का ही नतीजा है कि आज शहर के लोगों के अलावा कई डॉक्टर्स भी इनसे अपना इलाज कराने पहुंच जाते हैं। डॉ. रमेश श्रीवास्तव शहर के उन चुनिंदा डॉक्टर्स में से हैं, जिन्होंने सागर में चिकित्सा सेवा देने की शुरुआत की थी। इन्होंने 1945 में नागपुर मेडिकल विश्वविद्यालय से एलएमपी की डिग्री पूरी की। आज इन्हें शहर में सेवाएं देते हुए 75 साल गुजर चुके हैं। कोविड के दौरान भी डॉ. श्रीवास्तव ने मरीजों को इलाज से मना नहीं किया और कई लोगों की जान बचाई। 62 साल की उम्र में किरोटिड ब्लॉक और 84 साल की उम्र में स्पाइनल सर्जरी से भी गुजरे, लेकिन इसके बाद भी काम नहीं छोड़ा। डॉ. श्रीवास्तव के बेटे दीपक और चार बेटियां देश के बड़े शहरों में हैं। लेकिन डॉ. श्रीवास्तव आज भी सागर कैंट स्थित अपने मकान में रहना पसंद करते हैं।