शिक्षा के लिए एक हाथ से गाड़ी चलाकर रोजाना 56 किमी का सफर करने वाले शिक्षक को सलाम
सब कुछ होते हुए भी इस जहां में मन से टूटे हुए लोगो की कमी नही है। लेकिन ऐसे लोगो की सोच बदलने वाले किरदार भी हमें देखने मिलते है, जो मन से टूटे हुए लोगो के लिये प्ररेणादायी बन जाते है।दरअसल, यह कहानी है जबदस्त जुनून रखने वाले एक बालाघाट जिले के ऐसे दिव्यांग शिक्षक दिलीप हरदे की, जिनका अपने फर्ज के प्रति जज्बा देखते ही बनता है। सडक हादसे में अपना हाथ गवाने वाले बालाघाट जिले के विकलांग शिक्षक दिलीप हरदे, हमेशा आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दे देते हैं तस्वीर में एक हाथ से मोटर साईकिल चलाता यह व्यक्ति दिलीप हरदे ही है, जिन्होने एक सडक हादसे में अपना बांया हाथ खो दिया है। बावजूद उसके प्रतिदिन 56 किमी का सफर तय करके बच्चे के उज्जवल भविष्य को सवांरने का जिम्मा उठाये हुए है और उनके मन में शिक्षा की अलख जगाने रोजाना स्कूल जाते है। ये प्राथमिक शाला गोंगाटोला भंडेरी में टीचर के पद पर पदस्थ है। जो बालाघाट से रोजाना 56 किलोमीटर का अपनी बाईक से सफर तय करके अपने स्कूल जाते है। जहां लोग, अपने फर्ज के प्रति समर्पण भाव देखकर एक ओर आश्चर्यचकित है तो वही दूसरी ओर इनके जज्बे को सलाम भी करते है।