सागर-66 साल की उम्र में पावर लिफ्टिंग में नेशनल चैंपियन बने भगवानदास के शौक को देख हैरान रह जायँगे
सागर में रिटायर्ड वनकर्मी को 66 साल की उम्र में पावर लिफ्टिंग का शौक चढ़ा है। शौक भी ऐसा, जो जुनून बन गया, गोपालगंज में रहने वाले भगवानदास कश्यप ने अपने जूनून से ना सिर्फ अपने शहर का मान बढ़ाया बल्कि पूरे देश में अपने प्रदेश का मान भी बढ़ाया। केरल में हाल ही में हुई मास्टर पावर लिफ्टिंग नेशनल चैंपियनशिप में भगवानदास ने पहला स्थान प्राप्त किया है, वे पिछले 10 सालों से पावर लिफ्टिंग कर रहे हैं, आज भी वे रोज घंटों जिम में पसीना बहाते हैं।
बता दे कि वन विभाग के सेवानिवृत्त वनपाल भगवानदास कश्यप का जन्म 14 सितंबर 1956 को हुआ था, इन्हें बचपन से हॉकी का शौक था और वे हॉकी के बेहतर खिलाड़ी थे, इन्होंने वन विभाग में वनपाल पद पर काम करते हुए सिविल सर्विस स्पोर्ट्स कंप्टीशन में कई बार हॉकी में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया, जब उनकी उम्र बढ़ने लगी, तो भगवानदास ने हॉकी खेलना कम कर दिया, लेकिन शौक के तौर पर उन्होंने 56 साल की उम्र में पावर लिफ्टिंग की शुरुआत की, वैसे तो ये शुरुआत उन्होंने खुद को फिट रखने के लिए की थी, लेकिन अब उनका यह शौक जुनून में बदल गया और ये मास्टर पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने लगे।
केरल के अल्लपुझा शहर में राष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया, इसमें मास्टर कैटेगरी में 60 साल से अधिक आयु के लोगों ने हिस्सा लिया, भगवान दास कश्यप ने मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए पावर लिफ्टिंग के स्क्वॉड इवेंट में स्वर्ण पदक जीता, वहीं डेड लिफ्ट इवेंट में रजत पदक और बेंच प्रेस इवेंट में कांस्य पदक भी हासिल किया, इन्होंने मास्टर केटेगरी और 60 प्लस आयु वर्ग में ऑल ओवर 322.5 किलोग्राम वजन लिफ्ट कर मास्टर खिताब जीत कर ऑल ओवर चैंपियनशिप में भी गोल्ड हासिल किया।
खेल के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए भगवान दास कश्यप प्रेरणा स्रोत है, वे सुबह रोजाना खेल परिसर के जिम्नेजियम में पहुंच जाते हैं, और जमकर कसरत करने के बाद नियमित तौर पर पावर लिफ्टिंग का अभ्यास करते हैं. पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता जूनियर, सीनियर और मास्टर कैटेगरी में होती है।
जिला खेल अधिकारी प्रदीप अविद्रा ने उनके अभ्यास में सुबिधा देने से लेकर चैम्पियनशिप में विजेता बनने तक के बारे में जानकारी दी