सागर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए त्रिकोणीय मुकाबला, कई दिग्गजों ने ठोकी ताल
सागर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए त्रिकोणीय मुकाबला, हरवंश राठौर, दिव्या अशोक सिंह, हीरा सिंह राजपूत ने ठोकी ताल
सागर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए इस बार त्रिकोणीय समीकरण बनते नजर आ रहे है जिसकी वजह से यह मुकाबला बड़ा ही रोचक हो गया है, अध्यक्ष पद के लिए एक ही पार्टी के तीन दिग्गजों ने अपने नामांकन जमाकर दावेदारी पेश की है जिसमे बंडा विधानसभा से पूर्व विधायक और दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हरवंश सिंह राठौर, मंत्री भूपेंद्र सिंह की भतीज बहु और पिछली बार जिला पंचायत अध्यक्ष रही दिव्या अशोक सिंह, और कांग्रेस से भाजपा में आये मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत है,
देखा जाये तो हरवंश सिंह राठौर भाजपा के पूर्व विधायक है और दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके है। हरवंश सिंह राठौर ने भी वार्ड नंबर 25 से 2 नामांकन जमा किए हैं इस वार्ड में उनकी तगड़ी पकड़ है इसलिए हरवंश सिंह की जीत पर संदेह नहीं के बराबर है,
ग्रामीण निकायों की राजनीति के हरवंश सिंह राठौर मंजे हुए खिलाड़ी हैं इसलिए उनका चुनाव मैदान में आना अन्य दिग्गज प्रतिनिधि प्रत्याशियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
बात करें निवर्तमान अध्यक्ष दिव्या अशोक सिंह की तो इनके चाचा ससुर भूपेंद्र सिंह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है और मंत्री भूपेंद्र सिंह की पत्नी सरोज सिंह भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है,
दिव्या सिंह वार्ड नंबर एक से चुनावी मैदान में है तो इनके पति अशोक सिंह ने वार्ड नंबर 4 से फ़ार्म भरा है, इसी वार्ड से हीरा सिंह राजपूत भी मैदान में है। हालांकि ऐसा सुनने में आ रहा है की अशोक सिंह ने हीरा सिंह के लिए अपना समर्थन दे दिया है, वही भूपेंद्र सिंह के एक और परिजन बैभव सिंह ने वार्ड नंबर 2 से चुनाव लड़ रहे है।
भाई नामांकन जमा करने वाले तीसरे दिग्गज हीरा सिंह राजपूत के छोटे भाई गोविंद सिंह भी प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है, मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत की पत्नी और हीरा सिंह की बहु सविता राजपूत भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी है। हीरा सिंह के भतीजे अरविंद राजपूत वार्ड नंबर 5 से चुनावी मैदान में है।
जिला सरकार के लिए इन दिग्गजों के मैदान में आने से लोगो की निगाहें अध्यक्ष पद पर टिक गई है देखना होगा कि इस त्रिकोणीय मुकाबले में कौन बाजी मारेगा। हलाकि देखा जाये तो फ़िलहाल हरवंश राठौर का पड़ला भारी दिखाई दे रहा है।