सागर-गज़ब है भाई, SDERF यानि रेस्क्यू टीम को घरों से पानी निकालने का काम दे दिया !
सागर-गज़ब है भाई, SDERF यानि रेस्क्यू टीम को घरों से पानी निकालने का काम दे दिया !
अरे-अरे ये क्या हो गया साहब ने ये क्या काम दे दिया !
कहते हैं की जिसका जो काम है उसे वही करना चाहिए, नहीं तो जिस काम को वो कर रहे हैं उसे करने में दिक्कत होगी। और जो असल काम है वो छूट जायेगा। अब सागर को ही ले लीजिये जहां एसडीईआरएफ की टीम को एक नया काम पकड़ा दिया। उन्हें यहां भेजा गया ताकि वो लोगों के घरों से पानी निकालें। जी हाँ आप ये तस्वीर देख सकते हैं। अब बेचारे इस काम में तो इनका कोई दोष है नहीं, क्योंकि ये सब अपनी मर्जी से यहां नहीं आये हैं बल्कि इन्हे ड्यूटी पर भेजा गया है। आपको बता दें की एसडीईआरएफ यानी बचाव दल के लोग यहाँ इसलिए आये हैं की क्योंकि शहर में जोरदार बारिश हुई थी जिस वजह से कई घरों में पानी भर गया था और लोगों के घरों में रखा हुआ सामान खराब हो गया था। इसलिए इन्हे यहाँ पहुंचाया गया था। दरअसल हम ये कहना चाह रहे हैं। SDERF टीम का काम ये नहीं है जो वो कर रहे हैं। बल्कि आपदा आना या कहीं बाढ़ में लोगों के फंस जाने के अलावा अन्य जगहों पर फंसे हुए लोगों या फिर मुसीबत के समय लोगों को बचाना इनका काम है। जो वो करते हैं। जैसे छतरपुर में फंसे बच्चे के रेस्क्यू में पहुंचना, डिग्री कॉलेज में छत पर चढ़ी लड़को को बचाने जाना या शाहगढ़ इलाके में किये गए रेस्क्यू के अलावा अन्य जगहों पर रेस्क्यू कर चुके हैं। इस सब में सबसे बड़ा सवाल ये है की अगर ऐसे में कहीं किसी का रेस्क्यू करना हो तो कैसे होगा। आखिर जिम्मेदार इनसे ये काम क्यों करवा रहे हैं।