राष्ट्रीय हथकरघा दिवस : जेल में बंदी बना रहे खादी का सामान
सागर केंद्रीय जेल में हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए इ बार फिर से हथकरघा केंद्र की स्थापना की गई है। जिस्मे खादी से चीजे तो निर्मित की जा रही है साथ ही जेल के अंदर सजा काट रहे कैदियों को रोजगार भी मिल रहा है। जिसका ज्यादातर बंदी अपने मेहनताना उपयोग बच्चो की पढ़ाई में कर रहे है। भारत में हथकरघा को बढ़ावा देने 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में मनाया जाता है। चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोसना की थी। सागर केंद्रीय जेल में पहले सूत कताई की जाती है फिर खादी से साड़ी, सलवार सूट, धोती ,कुर्ता तोलिया, जैसी कई चीजों का निर्माण किया जा रहा है। तो वहीं महिला बंदियों के द्वारा भी पापड़ का बनाने का काम किया जा रहा है। केन्दीय जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी ने बताया कि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से इसकी भूमिका रची गई थी जेल में पयोर सूती के कपड़े का निर्माण किया जा रहा है। पहले इन्हे थोक में सेल किया जाता था लेकिन अब वह आउटलेट बनाया गया है। जिससे कोई भी खादी का सामान खरीद सकता है। सद्भावना आउटलेट प्रभारी निशा सिंह ने बताया कि इसकी स्थापना के बाद खादी से निर्मित चीजों की बिक्री को लेकर अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। और कोई भी यहां से अकार सामान खरीद सकता है।