स्कूल में छाते लगाकर पढ़ते नौनिहाल,ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया ? | SAGAR TV NEWS
जब ये हाल रहेगा तो हम कैसे कहेंगे की पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया जी हाँ आज़ादी के इतने सालों बाद भी अगर इस तरह की तस्वीर देखने को मिले तो क्या ही कहा जाये। हमारे नौनिहाल स्कूल में छतरी लगाकर पढ़ने को मजबूर हैं। सरकारों के तमाम दावों की पोल खोलती ये तस्वीरें। मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले की हैं। जहां आदिवासी बाहुल्य घंसौर ब्लॉक के खैरी कला प्राइमरी स्कूल में आज भी बच्चे छतरी के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। क्योंकि स्कूल की छत जर्जर हो चुकी है। बारिश के दिनों में छत से लगातार पानी टपकता है। इसलिए बच्चे खुद ही घर से छतरी और बरसाती लेकर आते हैं। बताया गया की हाल ही में छत के प्लास्टर का हिस्सा एक छात्रा के ऊपर गिर गया था। जिससे ज़्यादातर माता-पिता ब्च्चों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं। बदहाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की हेड मास्टर साहब को भी बोलना पड़ा कि ऐसे में बच्चों को पढ़ाना बहुत जोखिम भरा है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। बीआरसी कार्यालय को बारिश के पहले ही इस बात की जानकारी पहुँचा दी थी। लेकिन अधिकारियों के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। बीआरसी का कहना है की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा है फंड आने पर मरम्मत कराएँगे। वहीं मामले में ज़िला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। और फोन पर कहा की स्कूल और बीआरसी से मरम्मत का प्रस्ताव मँगवाते हैं। मंज़ूरी के बाद फंड सैंक्शन होगा तब मरम्मत कराई जाएगी। जिम्मेदार अधिकारीयों के रवैये से लगता है की बच्चों को बारिश में छतरी से निजात नहीं मिलने वाली। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसे में कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया।