बुंदेलखंड के इस जिले में बच्चों के साथ जो हुआ वो अच्छा नहीं हुआ ! || SAGAR TV NEWS ||
दमोह जिले से बेहत ही दुखद घटना सामने आयी है जहाँ अलग-अलग जगहों पर 6 बच्चों की जान चली जाने से गांव में मातम पसर गया। पानी में डूबने से इन बच्चों ने दम तोड़ा। लेकिन इनमें दो बच्चों के शरीर पर जख्म देखकर परिजन इसे हादसा मानने तैयार नहीं है जिससे उन्होंने सड़क पर डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन किया। पहला मामला जिले के तेंदूखेड़ा का है। यहां के नरगवां तालाब में नहाने के लिए चार बच्चे गए थे। जिनमें से तीन बच्चे तालाब के अंदर चले गए, जबकि तालाब नहीं गया। जब उसने उन तीनों को डूबता देखा तो वह घबराता हुआ बस्ती में आया और इसकी खबर परिजनों को दी। सूचना के बाद पुलिस भी पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। देर रात तक तीन शव तालाब से बरामद किए गए। तालाब में डूबने वाले बच्चे ग्यारह, तेरह और पंद्रह साल के थे। ऐसा ही दूसरा मामला जबेरा इलाके का है। यहां एक मुरम खदान में बने गड्ढे में एक 15 साल का बच्चा सत्यम प्रजापति डूब गया। जिससे उसकी जान चली गई। ये भी नहाने गया था। जो गहराई में जाने से खुद को संभाल नही पाया। इन दो घटनाओं के अलावा जिला मुख्यालय दमोह में भी एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहां दो मासूम दिन भर से घर से गायब थे। दोनों स्कूल के लिए घर से निकले थे लेकिन देर शाम तक घर नही पहुंचे तो घर वालों ने तलाश शुरू की। पुलिस को भी सूचना दी। जहां जबलपुर नाका इलाके की किशन तलैया में बच्चों के डूबे की खबर मिलने से रात के अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। दोनों की डेड बॉडी बरामद की गई। लेकिन बच्चों के शरीर पर कुछ जख्म देखकर परिजन इसे हादसा नही मान रहे। और अंबेडकर चौक पर दोनों की डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन किया। आरोप है की पुलिस ने समय पर कार्यवाही नही की। मौके पर पहुंचे दमोह एसडीएम गगन बिसेन और सीएसपी अभिषेक तिवारी ने समझाइश देकर धरना खत्म करवाया।