सागर के एरण में कृष्ण लीला से जुड़ी अद्भुत कला,कृष्ण जन्म से लेकर कंस वध तक मिलता है देखने
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मोके पर आज हम प्राचीन पुरातत्व स्थल एरण के दर्शन कराते है। जो सागर जिले के बीना के पास है। जहां काले बलुआ पत्थरों पर बनाई गई कृष्ण लीला से जुडी अद्भुत कलाकारी देखने को मिलती है। इन पत्थरों पर कृष्ण जन्म से लेकर कंस वध तक की आकृति इतनी खूबसूरत बनी है कि लोग इन्हें बस देखते ही रह जाते है। इन पत्थरों पर जन्म के समय से शुरू अश्विनी कुमारो की उपस्थिति, मथुरा के कारागार से जन्म के बाद नंदगांव तक जाना, कई राक्षसो का वध करना, मथुरा आकर स्वागत होना,माखन चुराना, गउये चराना , बंशी बजाना, काले नाग का वध करना , कंस का वध करने समेत कई आकृतियां दिखाई गई है। बताया गया कि सोलह सौ साल पहले यह कलाकारी इस तरह बनाई गयी कि एक ही नजर में सारी कृष्ण लीला सामने आ जाती है। हालांकि कृष्ण लीला बताने वाले यह पत्थर देख रेख के अभाव में क्षरण हो रहे हैं। पुरातत्व विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। इसके साथ ही यहां पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं है। इस जगह को पर्यटन सूची में भी शामिल नही किया गया। जिससे यह स्थल उपेक्षित है। इसके इतिहास पर शोधकर्ता डा मोहन चढ़ार ने इसको लेकर जानकारी दी।