ब्रह्मलीन हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज,कल होगा अंतिम संस्कार
रविवार को जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज का निधन हो गया है। एमपी के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर के परमहंसी गंगा आश्रम में उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही इस बात की खबर फैली तो शोक की लहर दौड़ गयी। और लगातार उन्हें श्रद्धांजलि भी दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गाँधी के अलावा कई हस्तियों ने दुःख जताया। बताया गया की लम्बे समय से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद बीमार चल रहे थे। हाल ही में तीजा के दिन उनका 99 वें जन्मदिन मनाया गया था। स्वरूपानंद को मणिदीप आश्रम से गंगा कुंड स्थल पालकी पर सवार कर भक्तों द्वारा ले जाया जाया गया। जहां पर सभी भक्तजनों के दर्शन होंगे। भारी संख्या में यहां श्रद्धालु मौजूद हैं। ऐसी जानकारी है की सोमवार को करीब 4 बजे महाराज को समाधि दी जाएगी। फिलहाल मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है वहीं वीआईपीओं का आना भी शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म २ सितम्बर 1924 को एमपी के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार पिता धनपति उपाध्याय और मां श्रीमती गिरिजा देवी के यहां हुआ। माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ साल की उम्र में इन्होने घर छोड़कर धर्म यात्रायें शुरू कर दी थी। इस दौरान वह काशी पहुंचे और यहां ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ली। यह वह समय था जब भारत को अंग्रेजों से मुक्त करवाने की लड़ाई चल रही थी। जब 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा तो वह भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 19 साल की उम्र में वह क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए। इसी दौरान वाराणसी की जेल में नौ और मध्यप्रदेश की जेल में छह महीने की सजा भी काटी