सागर की बेटी की ऐसी सोच बदली की डॉ. बनने की ठानी, अब नीट परीक्षा में मिली 214 वी रैंक
सागर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक बेटी की कोरोना काल में हुई परेशानियों के बाद ऐसी सोच बदली की उसने डॉक्टर बनने की ठानी ताकि लोगों की सेवा की जा सके। हम बात कर रहे हैं। सागर के रहली के छिरारी में रहने वाली अंशिता जैन की, जिसने कड़ी मेहनत से नीट की परीक्षा में 214 वी रैंक हासिल की है। उसने न सिर्फ परिवार का मान बढ़ाया बल्कि जिले भर का नाम रोशन किया है। अंशिता जैन जब अपने गांव छिरारी पहुंची तो नज़ारा देखने लायक था। बड़ी संख्या में लोग उसे बधाइयाँ देने पहुंचे थे। बैंड बाजों के साथ पहुंचे लोगों ने मुंह मीठा कराकर फूल माला पहनाकर उसे शुभकामनाएं दी। बता दें की अंशिता जैन सागर जिले में सबसे ज्यादा अंक पाने वाली छात्रा है। इसको लेकर अंशिता बताती है की इस सब की शुरुआत करोना काल से हुई थी। दरअसल उस समय जब समस्याएं देखी की लोग अच्छा इलाज नहीं करा पा रहे थे। लोगों को अस्पताल उपलब्ध नहीं हो रहे थे। तब डॉक्टर बनने का ठान लिया। और नीट की तैयारी शुरू की, हर रोज तकरीबन 10 से 12 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई की। जिसके बाद कड़ी मेहनत और लगन से नीट में सिलेक्शन हुआ और 214 वी रैंक हासिल की। उसने बताया की वो डॉक्टर बनकर लोगों की मदद करना चाहती है। अंशिता एक ऐसे परिवार से आती है जहां उसके घर में 24 लोगों का संयुक्त परिवार है। अंशिता तीन बहने हैं। उसके पिता राजेश जैन किसान हैं साथ ही छिरारी में किराना दुकान भी चलाते हैं।