हे भगवान आखिर कहाँ हो तुम ? पेट पालने बैलगाड़ी खींच रही महिला

हे भगवान आखिर कहाँ हो तुम ? पेट पालने बैलगाड़ी खींच रही महिला

बच्ची का पेट पालने माँ भूखी-प्यासी
रहकर खींच रही बैलगाड़ी


महिला के पास रहने घर तक नहीं
घूम-घूम कर गांवों में करती है मजदूरी

महिला के पति की हो चुकी है मौत
पेट पालने किसी तरह कर रही मजदूरी

सरकार, गरीबी हटाने या फिर सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसी को पहुंचाने का दावा करे, लेकिन एक ऐसी तस्वीर ऐसी भी सामने आई है जो पूरे सरकारी सिस्टम को आईना दिखा रही है। ऐसी ही बेबसी की मार्मिक तस्वीर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पचोर की है, जहां एक महिला अपना और मासूम बच्ची का पेट पालने के लिए बिना कुछ खाए पिये अपने हाथ से बैलगाड़ी खींच रही है। जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल, महिला लक्ष्मीबाई के पति के निधन के बाद उसके पास रहने के लिए घर तक नहीं है। वह घूम-घूम कर गांवों में मजदूरी करती है और जहां रात हो जाती है, वहीं ठहर जाती है। उसकी एक बेटी भी है, जो हर पल उसके साथ रहती है। महिला को दो वक्त की रोटी के लिए रोज जद्दोजहद करनी पड़ती है। उसके पास दो वक्त का खाने के लिए तक व्यवस्था नहीं है और नहीं आने जाने के लिए कोई साधन और न ही रुपए। जब इस महिला अपनी बेटी को साथ लेकर पचोर से सारंगपुर की ओर बैलगाड़ी अपने हाथों से खींच कर ले जाती लोगों को दिखाई दी तो उनका दिल पिघल गया। बताया गया कि बैलगाड़ी को खींचते हुए जब महिला ने 15 किलोमीटर का सफर तय किया, तब जन शिक्षक देवी सिंह नागर की नजर उस पर पड़ी और उसकी मदद करने के लिए आगे आए और अपनी बाइक से बैलगाड़ी को बांधकर सारंगपुर तक पहुंचाया।
वही, महिला ने बताया कि जब से पति की मौत हुई है। तब से यही हाल है। मुश्किल से एक वक्त का खाना भी नसीब नहीं होता है। ना रहने के लिए घर है ना पेट पालने के लिए कोई साधन है। कोई मदद करने के लिए आगे भी नहीं आता।


By - sagar tv news
21-Sep-2022

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