सागर-बेटी ने दी पिता को मुखाग्नि, निभाई अंतिम संस्कार की रस्में || SAGAR TV NEWS ||
कहते हैं कि बेटी किसी बेटे से कम नहीं होती, जो काम बेटा कर सकता है वही काम बेटी भी कर सकती है। काम चाहे घर का हो या घर की चारदीवारी से बाहर का। सागर के पुरव्याऊ में रहने वाले सत्य नारायण नामदेव का निधन हो गया। परिवार में कोई पुरुष नहीं था, इसलिए उनकी बेटी भाग्यश्री ने अंतिम संस्कार कर उन्हें मुखाग्नि दी। बता दे की पुरव्याऊ के 66 वर्षीय सत्यनारायण नामदेव का ह्रदय गति रुक जाने की वजह निधन हो गया था। उनकी तीन बेटियां है पिता की अंतिम इच्छा थी कि उनकी चिता को बेटी ही मुखाग्नि दे। रविवार को सत्यनारायण की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी इसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन सत्यनारायण को घर वापिस लेकर आये और फिर काकागंज स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया, जब बेटी भाग्य श्री ने चिता को मुखाग्नि दे रही थी उसे देखने वालो की आँखे नम हो गई।