सागर Accident मामला एक साथ उठीं 4 अर्थियां, बेटा-बहू और दो पोतियों का चेहरा तक नहीं देख सकी मां...
एक साथ उठीं 4 अर्थियां सागर हादसे में हुई थी मौत
सागर Accident मामला एक साथ उठीं 4 अर्थियां, बेटा-बहू और दो पोतियों का चेहरा तक नहीं देख सकी मां...
सागर सड़क हादसे में निधन के बाद हरदा में दुर्गाष्टमी के दिन एक साथ चार अर्थियां उठी। सोमवार की सुबह सागर से पति-पत्नी और दो बेटियों की डेड बॉडी को एंबुलेंस से हरदा ले जाया गया था। सड़क दुर्घटना में चारों शव क्षत-विक्षत हो गए थे। ऐसे में किसी को उनका चेहरा तक नहीं दिखाया गया। मोहित की बुजुर्ग मां शकुंतला देवी अपने बेटे-बहू और दोनों पोतियों का चेहरा दिखाने के लिए कहती रही। वह अंतिम बार चारों को दुलार करने का कहकर रोती रही। मां को अपने कलेजे के टुकड़े का चेहरा देखे बिना ही अंतिम विदाई देनी पड़ी। एक साथ पति-पत्नी और दो बेटियों की अर्थी उठते देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आई। फिर चारों अर्थियां शांति वाहन से मुक्तिधाम ले जाया गया। वहां पर मोहित और दक्षा का अलग-अलग चिताओं पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं दो बेटियों लावण्या और मान्या को एक ही चिता पर अंत्येष्टि की गई। मोहित के मंझले चाचा के बेटे ने मुखाग्नि दी।
बता दे कि हरदा के रहने वाला शुक्ला परिवार देवी पूजन के लिए उन्नाव (यूपी) जा रहा था। सागर के राहतगढ़ के पास रविवार को सड़क दुर्घटना में मोहित शुक्ला, पत्नी दक्षा शुक्ला, दो बेटियों मान्या और लावण्या की मौके पर ही जान चली गई थी। सोमवार को हरदा में उनका अंतिम संस्कार किया गया।