सागर का अनूठा मंदिर,शरद पूर्णिमा की रात चंद्रदेव की पहली किरण छूती है भगवान के चरणों को !
सागर जिले के गढ़ाकोटा में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है,जहां शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रदेव अपनी पहली किरण भगवान के चरणों को स्पर्ष कराते है। यह बात सुनने में अजीब जरूर लगे, लेकिन यह बात सौ फीसदी सच है। गढाकोटा के नदी पार तिलक वार्ड में यह अतिप्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण करीब 5 सौ साल पहले रमाबाई मिश्रा ने कराया था। जिसमें भगवान लक्ष्मीनारायण जी की प्राचीन मूर्ति है। इसकी विशेषता है कि एक ही पत्थर पर भगवान गरूण, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति बनाई गई है। इस मंदिर में एक विशेष खासियत यह भी है कि मंदिर के शिखर पर बनी एक खिड़की से देखने पर सीधे भगवान लक्ष्मीनारायण जी के चरणों के दर्शन होते हैं। यही कारण है कि चन्द्रदेव शरद पूर्णिमा की रात अपनी पहली किरण सीधे भगवान के चरणों को छूआते हैं। बताया गया कि इस मंदिर मंे जो मूर्तियां स्थापित की गई है। वह गढ़ाकोटा के राजा मर्दन सिंह जूदेव के किले से लाई गई है। इसके अलावा ऐसी ही दो अन्य मूर्तियां रहस मेला स्थित श्रीदेव लक्ष्मीनारायण मंदिर और बाजार स्थित मिश्राइन मंदिर में भी विराजमान की गई हैं। जो एक जैसी ही बनाई गई है। इस मंदिर की विषेसता के बारे में श्रीदेव लक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी जीतेश मिश्रा ने बताया